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प्रधानमंत्री से जबाब की मांग पर अड़ा विपक्ष 

लोकसभा में ट्रंप के  कश्मीर पर मध्यस्थता को लेकर आए बयान पर विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने में जुट गया है। विपक्षी पार्टियां इस मामले पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में स्पष्टीकरण देने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस ने लोकसभा में काम रोको प्रस्ताव भी पेश कर दिया। यूपीए संयोजक और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने भी इस मामले में पीएम के बयान की मांग की।

कांग्रेस का कहना है कि एक तरफ पीएम मोदी कहते हैं कि ट्रंप उनके दोस्त हैं लेकिन दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति कश्मीर पर भारतीय रुख की खिल्ली उड़ा रहे हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप के कश्मीर पर मध्यस्थता संबधी बयान के बाद से राजनीति गर्माई हुई है और ये मामला देश की संसद में गूंज रहा है जहां कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार से स्थित साफ करने को कह रही है वहीं सरकार का इस मामले पर कहना है कि ऐसा कभी भी नहीं हुआ ट्रंप इस मामले पर गलत बोल रहे हैं।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस समय सदन की कार्यवाही में मौजूद नहीं हैं। लेकिन उन्होंने ट्वीट के जरिए पीएम मोदी पर निशाना साधते हुवे कहा है कि अगर यह सही है कि पीएम मोदी ने कश्मीर पर ट्रंप से मध्यस्थता की बात की थी तो उन्होंने 1972 शिमला समझौते के साथ विश्वासघात किया है। एक कमजोर विदेश मंत्रालय के इनकार करने से काम नहीं चलेगा। पीएम मोदी को देश को इस विषय पर जवाब देना ही होगा।

राज्यसभा में  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ किया कि कश्मीर पर डोनाल्ड ट्रंप का बयान सत्य से परे है। पीएम मोदी की तरफ से इस तरह की कोई अपील नहीं की गई थी। कश्मीर मुद्दे पर सरकार का नजरिया साफ है कि सरकार इस विषय पर शिमला एग्रीमेंट और लाहौर डेक्लरेशन के जरिए ही आगे बढ़ेगी। इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए। भारत सरकार डोनाल्ड ट्रंप के बयान को सिरे से खारिज करती है।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी और ट्रंप के बारे में क्या बातचीत हुई उसके बारे में खुद पीएम को सदन को जानकारी देनी चाहिए।

कांग्रेस के गुलामनबी आजाद ने कहा कि केंद्र में किसी की भी सरकार रही हो कश्मीर मुद्दे पर भारत का रुख हमेशा साफ रहा है। हमारी विदेश नीति में स्पष्ट उल्लेख है कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस तथ्य से वाकिफ हैं।  उन्हें नहीं लगता है कि ट्रंप पाकिस्तानी पीएम से ये बात कहेंगे कि भारतीय पक्ष मध्यस्थता चाहता है।

ट्रंप के कश्मीर पर मध्यस्थता वाले बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से सफाई आ चुकी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया था कि न तो पीएम मोदी या न ही सरकार ने कश्मीर पर ट्रंप से मध्यस्थता की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक सत्य है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और उस विषय पर किसी तरह की मध्यस्थता सवाल ही नहीं है।सीपीआई के डी राजा ने कहा कि यह गंभीर विषय है और सरकार को सदन के जरिए यह बताना जरूरी है कि वो अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर क्या सोचते हैं। उनकी पार्टी इस विषय पर राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दे चुकी है और वो चाहते हैं कि इस विषय पर विस्तार से बहस हो।

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