राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। एक ओर जहां ‘आप’ अपने हिस्से की चार सीटों पर जमकर प्रचार-प्रसार में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ जब से कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को टिकट दिया है, तब से पार्टी नेताओं को यह रास नहीं आ रहा है। इस बीच अब कांग्रेस ने पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पप्पू यादव को कहा है कि वे बिहार में किसी और सीट पर प्रचार में न जाकर दिल्ली में बैठ कर कन्हैया कुमार के लिए काम करें। गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर कन्हैया का मुकाबला दो बार के भाजपा सांसद मनोज तिवारी से है। मनोज तिवारी और कन्हैया कुमार दोनों बिहार के हैं इसलिए पूर्वांचल के वोट का बंटवारा हो सकता है। अगर पप्पू यादव दिल्ली में कन्हैया की मदद के लिए आते हैं तो उसके दो फायदे हैं। पहला यह कि पिछड़ी जातियों और निचले तबके का वोट पप्पू यादव ट्रांसफर करा सकते हैं। दूसरा दिल्ली में पिछले तीन दशक में पप्पू यादव से ज्यादा बिहार के लोगों की मदद किसी ने नहीं की है। उनके आवास पर सैकड़ों लोगों का भंडारा रोज चलता है और बिहार से इलाज के लिए दिल्ली आने वालों का पहला ठिकाना पप्पू यादव का घर होता है। कांग्रेस उनके काम और छवि का लाभ उठाना चाहती है। पूर्व सांसद पप्पू यादव पूर्णिया में निर्दलीय चुनाव लड़े और राजद व तेजस्वी यादव के तमाम दबाव के बावजूद कांग्रेस ने उनको पार्टी से नहीं निकाला। हालांकि बाद में कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि पप्पू यादव की पार्टी का आधिकारिक रूप से कांग्रेस में विलय नहीं हुआ था इसलिए पार्टी से निकालने का सवाल नहीं उठता है। लेकिन हकीकत यह है कि वे कांग्रेस पार्टी से जुड़ गए हैं और उनकी पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस की राज्यसभा सांसद भी हैं। बहरहाल, पूर्णिया का चुनाव खत्म होने के बाद कांग्रेस की ओर से पप्पू यादव को कहा गया है कि वे दिल्ली में कन्हैया कुमार के लिए चुनाव प्रचार करें।

