प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 19 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एसोसिएशन ऑफ चैंबर्स एण्ड कॉमर्स (एसोचैम) के स्थापना सप्ताह का शुभारंभ किया। इस मौके पर पीएम ने उद्योग जगत और व्यापार संघों को संबोधित किया। पीएम ने इस अवसर पर रतन टाटा को एसोचैम एंटरप्राइज ऑफ दी सेंचुरी अवॉर्ड से नवाजा। एसोचैम में 400 से अधिक चैबर और व्यापार संघ जुड़े हुए हैं। इन चैबरों की संख्या देशभर में 4 लाख से अधिक है। पीएम ने एसोचैम में वर्चुअल माध्यम से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश आज करोड़ों युवाओं को अवसर देने वाले उद्यमिता और वैल्थ करियेटर के साथ है।
उन्होंने आगे कहा कि बीते 100 सालों से आप सभी देश की अर्थव्यवस्था को, करोड़ों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने में जुटे हैं। इसलिए आज वो समय है, जब हमें प्लान भी करना है और एक्ट भी करना है। हमें हर साल के, हर लक्ष्य को नेशन बिल्डिंग के एक लंबे लक्ष्य के साथ जोड़ना है। अब आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर भारत के लिए आपको पूरी ताकत लगा देनी है। इस समय दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रही है। नई टेक्नॉलॉजी के रूप में चैलेज भी आएंगे और अनेक समाधान भी। आने वाले 27 साल भारत के वैश्विक भूमिका को ही तय नहीं करेंगे, बल्कि ये हम भारतीयों के सपने और समर्पण दोनों को टेस्ट करेंगे। ये समय भारतीय इंडस्ट्री के रूप में आपकी क्षमता, प्रतिबद्धता और साहस को दुनिया भर को दिखा देने का है। हमारा चैलेंज सिर्फ आत्मनिर्भरता ही नहीं है। बल्कि हम इस लक्ष्य को कितनी जल्दी हासिल करते हैं, ये भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
कांग्रेस के शासनकाल पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि एक जमाने में हमारे यहां जो परिस्थितियां थीं, उसके बाद कहा जाने लगा था- Why India। अब जो बदलाव देश में हुए हैं, उनका जो प्रभाव दिखा है, उसके बाद कहा जा रहा है Why not India। नया भारत, अपने सामर्थ्य पर भरोसा करते हुए, अपने संसाधनों पर भरोसा करते हुए आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ा रहा है। और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मैन्युफेक्चरिंग पर हमारा विशेष फोकस है। मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए हम निरंतर बदलाव कर रहे हैं। 21वीं सदी की शुरुआत में अटल जी ने भारत को हाईवे से कनैक्ट करने का लक्ष्य रखा था। आज देश में फिजिकल और डिजीटल इंफ्रास्ट्रचर पर विशेष फोकस किया जा रहा है। 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी किसान कल्याण सम्मेलन को संबोधित किया था। जहां उन्होंने कृषि बिलों को लेकर देश के किसानों को समझाया था। पीएम ने दोनों हाथ जोड़कर किसानों से विनती की थी कि इस बिल से न तो एपीएमसी मंडिया खत्म होगी और न ही एमएसपी।

