पूर्वी लद्दाख की गैलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद के बाद देशभर में चीनी सामानों का बहिष्कार हो रहा है। शनिवार को भारतीय किसान यूनियन (भानु) और हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने चीनी सामान के बहिष्कार के लिए ग्रेटर नोएडा में स्थित चीनी मोबाइल कंपनी ओप्पो की फैक्ट्री के बाहर धरना दिया।
ग्रेटर नोएडा में ओप्पो की फैक्ट्री के बाहर प्रदर्शनकारियों ने चीन विरोधी नारे लगाए। साथ ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक प्रतिमा जलाई गई। एक प्रदर्शनकारी भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ता ने कहा, “हम लद्दाख में जवानों की शहादत से दुखी हैं। भारतीयों को ओप्पो फोन नहीं खरीदना चाहिए, भारत सरकार को चीन को सबक सिखाने के लिए सभी चीनी कंपनियों को भी बंद कर देना चाहिए। इसलिए, वे भारतीय सैनिकों पर हमला करने से पहले दो बार सोचेंगे।”
वहीं हिंदू रक्षा दल ने कहा, “चीन ने सीमा पर जो किया वह कायरों का काम था। हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए और अन्य घायल हो गए, इसलिए हम चीनी सामान का विरोध करते हैं।” हमने चीनी सामानों के साथ उनके राष्ट्रपति शी जिनपिंग और चीनी झंडे में आग लगा दी। भारतीय किसान यूनियन के सभी कार्यकर्ता लड़ाई के लिए तैयार हैं। पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्सा है।”
दंगा गियर में पुलिस ने शुक्रवार को रैली निकाली, जिसमें सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को ट्रक से हटाया गया। पुलिस ने कोरोना वायरस के संक्रमण की बिना अनुमति के एक जगह पर एकत्रित भीड़ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने कहा कि कोरोना पर धारा 144 लागू है, इसके उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है। गौतम बुद्ध नगर पुलिस ने कहा कि 32 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 270 और 279 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के बाद से ही लोगों का जुटाव रोकने के लिए धारा 144 लगा दी गई थी। गौतम बुद्ध नगर पुलिस ने इसे 30 जून तक बढ़ाया है। लॉकडाउन के चलते ओप्पो की फैक्ट्री करीब दो महीने तक बंद रही। हालांकि, अब अनलॉक-1 के साथ ही कंपनी में काम दोबारा शुरू हो गया है।

