मुंबई: पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहक अब छह महीने में सिर्फ एक हजार रुपये ही अपने खाते से निकाल सकते हैं। साथ ही अगले छह माह तक किसी भी तरह की व्यावसायिक लेनदेन पर पाबंदियों की घोषणा की है। बैंक की ओर से ये मैसेज ग्राहकों को भेजा गया है। साथ ही बैंक की ब्रांच के बाहर भी ये निर्देश लिख दिए गए हैं।इस खबर के फैलने के बाद से बैंक के ग्राहक डर में नजर आ रहे हैं जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग बैंकों की शाखाओं के बाहर इकट्ठा हो रहे हैं, मुंबई में बैंक की ब्रांच के सामने जोरदार हंगामा शुरू हो गया है।
माना जा रहा हैं कि अनियमितता बरतने के आरोप में भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुंबई में स्थित पंजाब एंड महाराष्ट्र सहकारी बैंक पर छह महीने का प्रतिबंध लगाया है। लेकिन आरबीआई ने कहा है कि पीएमसी बैंक का लाइसेंस रद्द नहीं किया जायेगा।
आरबीआई की ओर से जारी किये गए आदेश में कहा गया है कि बैंक, बैंकिंग रेग्युलेशन की धारा 35 A के सब सेक्शन 1 के तहत बैंक पर नए लोन जारी करने और बिजनेस को लेकर पूरी तरह से रोक लगा दी है पीएमसी बैंक के सभी लेनदेन पर नजर रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिसका असर खाता धारकों पर भी पड़ने वाला हैं।
इसके तहत कोई भी पैसा जमा करने वाले अपने सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट या किसी भी अन्य जमा खाते से 1,000 हजार से अधिक पैसे नहीं निकाल सकता है। साथ ही बैंक के ग्राहकों पर नई राशि जमा पर रोक लग गई है। ग्राहक अब नई FD भी नहीं करा सकते हैं और ना ही नया खाता खुला सकते हैं।

क्यों उठाया ये कदम और क्या हैं आरबीआई का आदेश
माना जा रहा है कि बैंक पर कई बार अनियमितता का आरोप लगा है। बैंक पर खराब कॉर्पोरेट गवर्नेंस को लेकर भी सवाल उठ चुके हैं।
मुंबई में स्थित पीएमसी बैंक को बैंकिंग से संबंधित लेनदेन करने से पहले रिजर्व बैंक (आरबीआई) से लिखित में मंजूरी लेनी पड़ेगी। जिसका मतलब है कि आरबीआई से बिना परमिशन के कोई भी लोन मंजूर या आगे नहीं बढाया जा सकेगा। साथ ही बैंक अपनी मर्जी से कही निवेश भी नहीं कर सकता है। हालांकि कर्मचारियों की सैलरी देने जैसे बेहद जरूरी चीजों में छूट दी गई है।

