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अमेरिका यात्रा से गदगद पाकिस्तान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सक्सेसफुल यात्रा के बाद अब ट्रम्प प्रशासन ने भारत के जख्मों को सहलाने का काम शुरू कर दिया है। गौरतलब है की इमरान खान की यात्रा के बाद अमेरिका ने एफ -16 लड़ाकू विमान की देखरेख के नाम पर पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर की धनराशि जारी कर दी थी। इतना ही नहीं इमरान खान की बातो से ट्रम्प सहमत भी नज़र आये थे।

पिछले दिनों कश्मीर मामले पर अमेरिका की यात्रा पर गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से बातचीत के दौरान ट्रम्प द्वारा यह कहकर भी बवाल मचा दिया गया था कि भारत के प्रधानमंत्री द्वारा उनसे कश्मीर के मुद्दे पर दोनों देशो के बीच मध्यस्थता की पेशकश की गयी थी। इमरान खान द्वारा मध्यस्था के प्रस्ताव पर ट्रम्प द्वारा यह बात कही गयी थी। ट्रम्प के इस बयान से भारत में विवाद छिड़ गया था और विपक्ष लगातार  इस पर जवाब मांग रहा था। हालाँकि विदेश मंत्रालय द्वारा इस बयान को  तुरंतनकार दिया गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा ट्वीट के जरिये बताया गया था कि प्रधानमंत्री द्वारा इस तरह की कोई पेशकश नहीं की गयी थी कश्मीर सिर्फ द्विपक्षीय मसला है।सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर अमेरिका में भी बवाल हो गया था। अमेरिकी मीडिया और कई सांसदों द्वारा डोनाल्ड ट्रंप के बयान की आलोचना की गयी थी। इतना ही नहीं कुछ सांसदों द्वारा डोनाल्ड ट्रंप के बयान की तरफ से भारत के एंबेसडर से माफी भी मांगी गयी थी। साथ ही व्हाइट हाउस की ओर से भी  सफाई पेश की गई थी कि कश्मीर मसला भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला है, इसमें मध्यस्थता होनी है या नहीं ये उन देशों के ऊपर है ,और अब हाल ही में ट्रम्प द्वारा एक बार फिर यही बात दोहराई गयी है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मध्यस्थता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तय करना है। मैंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से भी बात की है। मुझे लगता है कि दोनों कोएक साथ आना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि अगर भारत चाहता है तो वह मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा कहा गया कि अगर उन्हें लगता है कि “कश्मीर मसले पर किसी को मध्यस्थता करनी चाहिए, तो वह कुछ कर सकते है। मैंने इस बारे में पाकिस्तान और भारत दोनों से बात की है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच ये लड़ाई लंबे वक्त से चल रही है। “
इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा आज शुक्रवार सुबह बैंकॉक में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से मुलाकात की गयी। इस मुलाकात में दोनों राष्ट्रों के प्रतिनिधियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुयी। इस मुलाकात में एस. जयशंकर ने कश्मीर मसले पर भी भारत का रुख अमेरिका को बताया और कहा कि ये भारत-पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला है। विदेश मंत्री ने लिखा कि उन्होंने माइक पोम्पियो को साफ कर दिया है कि अगर कश्मीर मुद्दे पर बात होती है तो यह भारत और पाकिस्तान के बीच का मसला है, इसलिए दोनों देशों में ही बात होगी।

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