राजनीति के गलियारों में इन दिनों एक मुद्दा काफी चर्चा में है। जो चर्चा के साथ ही एक सवाल भी पैदा कर रहा है। गौरतलब है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने को हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार कौन बाजी मारेगा ? और इससे भी बड़ा सवाल यह है कि इस विधानसभा चुनावों में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की भूमिका क्या होगी…? क्या जीतने के बाद सचिन पायलट फिर से कांग्रेस की बड़ी सीट पर काबिज हो पाएंगे…? या सीएम अशोक गहलोत के प्रकोप के चलते पायलट कोर कमेठी से अभी के जैसे बाहर ही रहेंगे….? हालांकि खुद सीएम अशोेक गहलोत ने एक इंटरव्यू में कहा कि सचिन पायलट अब खुद हाई कमान हैं, वे ही इन चुनावों में प्रत्याशियों को टिकट देंगे। लेकिन अभी तक आई लिस्ट में उन सभी को टिकट मिली है, जो पिछले चुनावों में जीतकर विधायक बने। ऐसे में कांग्रेस खेमे में किस की कितनी चल रही है यह कहना थोड़ा जल्दबाजी होगी।
टिकट दिलाने में किसकी चली…यह कहना मुश्किल
कांग्रेस ने दो लिस्टों के साथ अपने 76 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतार दिए हैं। इनमें से अधिकांश चेहरे वहीं पुराने चेहरे हैं जो पिछली बार जीतकर आए थे और विधायक बने। कांग्रेस ने बिना कोई जोखिम उठाएं अपने पुराने फार्मूले से चलते हुए विरोध होने के बावजूद मौजूदा विधायकों को फिर से टिकट दे दिया। ऐसे में टिकट दिलाने में सचिन पायलट की चली या सीएम अशोक गहलोत की यह बताना थोड़ा मुश्किल है। राजस्थान विधानसभा में ऐसा भी हुआ है कि जो विधायक जीतने के बाद फिर चुनाव लड़ते हैं तो उनमें से 40 या 45 फीसदी ही पुराने चेहरे फिर से विधानसभा की सीढियां चढ़ पाते हैं।

यह भी पढ़ें : आलाकमान ने निकाला राजस्थान का समाधान
सीडब्ल्यूसी में शामिल हुए पायलट
पूर्व डिप्टी सीएम और राज्य के कद्दावर नेता सचिन पायलट को कांग्रेस कार्यसमिति में जगह दी गई है। इसके बाद माना जा रहा है कि सचिन पायलट को राज्य की राजनीति से लाकर केंद्र की राजनीति में भूमिका दी जाएगी। बीते दिनों राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच काफी गतिरोध बढ़ा था, इसके बावजूद पूर्व डिप्टी सीएम और राज्य के कद्दावर नेता सचिन पायलट को कांग्रेस कार्यसमिति में जगह दी गई। लेकिन सीएम पद का दावेदार कौन होगा, ये कांग्रेस की जीत के बाद ही साफ होगा।
टोंक सीट फिर बनी हॉट सीट
वहीं राजस्थान में बहुचर्चित टोंक जिले की विधानसभा सीटों पर भी बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी बिसात बिछाना शुरू कर दिया है। हालांकि टोंक जिले की चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने दो और कांग्रेस ने केवल एक ही उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। इनमें कांग्रेस ने सचिन पायलट को विधानसभा टोंक से उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं बीजेपी ने अभी तक टोंक से अपना पत्ता नहीं खोला है। टोंक विधानसभा को लेकर बीजेपी अभी खामोश है।

ऐसे में बीजेपी के उम्मीदवार को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। इस बार टोंक में स्थानीयता का मुद्दा हावी है। पिछली बार बीजेपी ने एन वक्त पर स्थानीय और मौजूदा विधायक अजीत मेहता का टिकट काटकर यूनुस खान को दिया। लेकिन यूनुस खान ने पायलट से 54 हजार वोटों से शिकस्त खाई। इस बार टोंक में स्थानीयता के मुद्दे के बीच संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी इस बार टोंक से स्थानीय उम्मीदवार को टिकट दे सकती है। इसको लेकर पूर्व विधायक अजीत मेहता का नाम चर्चा में है। जो बीजेपी के जीते हुए विधायक रह चुके हैं।

