दिनांक 31 जनवरी 2024, को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा मनी ट्रांजेक्शन आप पेटीएम को लेकर बड़े कदम उठाये गए हैं। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक यानी पीपीबीएल की ट्रांसेक्शन्स पर रोक लगा दी है। पेटीएम कंपनी के द्वारा 29 फरवरी 2024, के बाद से वॉलेट्स, फास्टेग्स और अन्य उपकरणों समेत किसी भी ग्राहक के खाते में जमा या टॉप-अप स्वीकार करने पर रोक लगाई गई है। आरबीआई द्वारा यह कदम एक सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटर्स की कम्प्लायन्स वैलिडेशन रिपोर्ट आने के बाद उठाया गया है।
फास्टेग्स क्या है
फास्टेग्स की जरूरतों के अनुसार सभी चार-पहिया गाड़ियों के वाइंडशील्ड पर फास्टेग्स होना अनुवार्य होता है। फास्टेग्स भारत में एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है जिसे एनएचएआई द्वारा चलाया जाता है। यह प्रीपेड वॉलेट के जरिए टोल बूथ पर भुगतान करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक का इस्तेमाल करता है।
पेटीएम फास्टेग्स डीएक्टिवेशन
सबसे पहले अपने मोबाइल डिवाइस पर पेटीएम ऐप डाउनलोड करें और मौजूदा क्रेडेंशियल्स के जरिए लॉग-इन कर दें। फिर सर्च बार पर ‘फास्टेग्स’ टाइप करें और फिर ‘सर्विसेज’ सेक्शन के अंदर जाएं वहां ‘मैनेज फास्टेग्स’ पर टैप करें।
जिसके बाद नई स्क्रीन खुलेगी जहां आपको पेटीएम नंबर से जुड़े
सभी एक्टिव फास्टेग्स अकाउंट्स दिखेंगे। इस पेज के बॉटम पर जाएं और ‘हेल्प एंड सपोर्ट’ पर क्लिक करें। इसके बाद अपनी फास्टेग्स प्रोफाइल बंद करने के लिए मस्सगे भेजें और इस सुविधा को डीएक्टिवेट करने के लिए आपके पास ऑप्शन आएगा उसे क्लिक करें और हो गया आपका काम।
आरबीआई के इस कदम का पहला टार्गेट पेटीएम के बैंकिंग ऑपरेशन्स हैं जो ग्राहकों को डिजिटल पेमेंट्स के लिए तब तक पेटीएम का इस्तेमाल करने की अनुमति देते हैं जब तक उनका अकाउंट एक बाहरी बैंक से जुड़ा रहता है।
आरबीआई ने इस कदम को उठाने की वजह में बताया कि, ’29 फरवरी 2024 के बाद किसी भी ग्राहक के खाते, प्रीपेड उपकरण, वॉलेट, फास्टेग्स, एनसीएमसी कार्ड्स आदि में किसी भी ब्याज, कैशबैक या रीफंड के अलावा जमा या क्रेडिट लेनदेन या टॉप-अप की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ब्याज, कैशबैक या रीफंड को कभी भी क्रेडिट किया जा सकता है।’
आरबीआई ने पेटीएम फास्टेग्स ग्राहकों को अपना बैलेंस खत्म करने की अनुमति दे दी है लेकिन 1 मार्च से वे इन उपकरणों में अधिक पैसे जमा नहीं कर सकेंगे।

