- गोपाल बोरा
काठगोदाम-रुद्रपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य पिछले तीन साल से अधूरा पड़ा है। यह सड़क वनवे होने के साथ ही कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त भी है। परिणामस्वरूप रोजाना दुर्घटना हो रही है। क्षेत्रवासियों द्वारा कई बार मांग करने के बाद भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। अभी हाल ही में इस सड़क पर एक ट्रक और कार की भिड़ंत में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत ही गई। हादसे से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। हादसे का त्वरित कारण जो भी रहा हो, लेकिन क्षतिग्रस्त सड़क भी इसका एक बड़ा कारण बताई जा रही है। जानकारों के मुताबिक अगर हाइवे की दोनों लेन खुली होती तो राहगीरों की जान बच सकती थी। रुद्रपुर से काठगोदाम के बीच हाईवे में सड़क चैड़ीकरण का कार्य पिछले तीन साल से चल रहा है। लेकिन सरकारी मशीनरी की लापरवाही के चलते अभी तक सड़क निर्माण का 40 फीसदी कार्य भी पूरा नहीं हुआ है। सड़क जगह जगह पर क्षतिग्रस्त है। इसके अलावा वनवे होने के साथ ही सड़क पर बेतरतीब कट बनाए गए हैं। सड़क पर उड़ती धूल व बेतरतीब चलता यातायात राहगीरों के लिए आफत बन गया है। जिस कारण समय-समय पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। लोगों ने सड़क को अतिशीघ्र दुरूस्त करने की मांग की है।
राष्ट्रीय राजमार्ग में गुमटी एवं लालकुआं के बीच दुर्घटनाओं के लिहाज से अतिसंवेदनशील है। यहां से समय- समय पर दुर्घटनाओं की सूचना आती रहती है। अक्टूबर 2012 में नगर के डिपो पांच के पास घोड़ाखाल मंदिर से आ रहे आॅल्टो कार सड़क पर खडे़ ट्रक में पीछे से जा घुसी। दुर्घटना में एक ही परिवार के तीन सदस्यों समेत चार लोगों की मौत हो गई थी। चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। कार में फंसे शवों को क्रेन की मदद से बमुश्किल निकाला गया। इससे पहले भी बिक्रम के दुर्घटनाग्रस्त होने से लालकुआं के ही एक व्यापारी परिवार के आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा भी यहां पर समय-समय दुर्घटनाओं की सूचना आती रहती है।
दिक्कत यह है कि सड़क दुर्घटना की स्थिति में घायलों को समय पर उपचार भी नहीं मिल पाता। लालकुआं से 20 किमी रुद्रपुर एवं 16 किमी हल्द्वानी की ओर कोई भी ऐसा अस्पताल नहीं है जहां पर घायलों को प्राथमिक उपचार दिया जा सके। जिस कारण हल्द्वानी एवं रुद्रपुर पहुंचते-पहुंचते कई घायल दम तोड़ देते हैं। क्षेत्र वासियों ने क्षेत्र में आपातकालीन सुविधाएं देने की मांग की है।

