कुवैत में 6 मंजिला इमारत में आग लगने से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है । इनमें ज्यादातर लोग भारतीय हैं। खबरों के अनुसार मृतकों में करीब 40 लोग भारतीय हैं। इस अग्निकांड को लेकर कुवैत से लेकर भारत तक सनसनी मची हुई है। कुवैत सरकार ने इस घटना में लापरवाही को जिम्मेदार ठहाराते हुए बिल्डिंग मालिक और अन्य लोगों की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। 6 मंजिला की इमारत के रसोईघर में लगी आग ,देखते ही देखते इमारत में फैल गई। यहां रहने वाले अधिकतर लोग मजदूर हैं जो नाइट शिफ्ट करके के लौटे थे और सो रहे थे। आग लगने से इन्हे संभलने तक का मौका न मिला। भागने का मौका तलाश कर रहे कई लोगों ने अपनी -अपनी मंजिलों से छलांग लगाने लगे जिससे उनकी मौत हो गई।
इस अग्निकांड में अधिकतर मौते दम घुटने की वजह से हुई हैं। इस घटना के पीछे की एक वजह लापरवाही भी बताई जा रही हैं कि पूरी बिल्डिंग में एंट्री गेट एक ही था। इमारत की छत पूरी तरह से बंद थी, जिस वजह से छत के रास्ते भी मजदूर खुद को बचाने में असमर्थ रहे। इस इमारत में करीब 196 मजदूर थे। इस अग्निकांड के बाद से ही सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है। आग लगने की घटना के बाद कुवैत के गृहमंत्री शेख फहद अल यूसुफ अल ने घटनास्थल पर पहंचे और बिल्डिंग मालिक की गिरफ्तारी का आदेश दिया है । वहीं भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 2 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है । प्रधानमंत्री के निर्देश पर ही विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह कुवैत पहुंचे हैं। कीर्तिवर्धन मारे गए भारतीयों के पार्थिव शरीरों की शीघ्र वापसी सुनिश्चित करेंगे।
कुवैत के गृहमंत्री शेख फहद अल यूसुफ अल के कहने अनुसार इस मामले में आवासीय कानून का उलंघन हुआ है। नियमों का उल्लंघन करते हुए विदेशी मजदूरों को असुरक्षित स्थितियों में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा था, ताकि कंपनी मालिक खर्चों में कटौती कर सकें। जिस इमारत में आग लगी है वह मलयाली कारोबारी केजी अब्राहम नाम के शख्स की है। केजी अब्राहम केरल के तिरुवल्ला के बिजनेसमैन हैं, जिनकी कंपनी 1977 से कुवैत की ऑयल एंड इंटस्ट्रीज का हिस्सा है। मारे गए मजदूर इसी कंपनी में काम करते थे। गौरतलब है कि कुवैत की अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर विदेशी कामगारों पर निर्भर हैं। जो बड़ी संख्या में कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में काम करते हैं। कुवैत में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 10 लाख भारतीय इस समय कुवैत में रह रहे हैं। इनमें एक बड़ी संख्या मजदूरों, इंजीनियर्स, डॉक्टर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट, सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट और टेक्नीशियन हैं।

