राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से ईडी की पूछताछ को लेकर महाराष्ट्र में विरोध बढ़ता जा रहा है। जिसके मद्देनजर मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित ईडी ऑफिस के आस-पास धारा 144लागू कर दी गई है। दूसरी और शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि पूरा महाराष्ट्र जानता है कि जिस बैंक में घोटाले को लेकर ईडी ने एफआईआर में नाम दर्ज किया है, उस बैंक में शरद पवार किसी भी पद पर नहीं रहे हैं।
यही नहीं बल्कि संजय राउत ने कहा कि सरकार को यह देखना चाहिए कि क्या हो रहा है। उन्होंने भाजपा की घेराबंदी करते हुए कहा कि ईडी को इस पर सरकार के साथ चर्चा करनी चाहिए थी। पवार जी एक बड़े नेता हैं, उनके अनुयायी पूरे राज्य में मौजूद हैं। सांसद संजय राउत ने कहा कि पवार से हमारी पार्टी और विचारधारा अलग हैं, लेकिन मैं ये कहूंगा कि ईडी ने उनके साथ गलत किया है। शिवसेना ने इस मामले पर पवार के साथ राजनीति होना भी कहा है।

उद्धव ठाकरे ने शरद पवार के केस पर कहा कि वह कोर्ट से जल्द बरी हो जाएंगे क्योंकि उन्हें फंसाया जा रहा है। ऐसे हालात बालासाहब के समय भी आए थे लेकिन कोर्ट में केस बंद कर दिया था। शिवसेना के पवार को दिए जा रहे समर्थन से भाजपा बैकफुट पर आ गई है। क्योकि महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना है। दूसरी तरफ इससे ईडी का हथियार कुंद होता नजर आ रहा है। याद रहे कि 25 हजार करोड़ रुपए के महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के खिलाफ धन शोधन का आपराधिक मामला दर्ज किया है।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नेताओं की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि शरद पवार सरकार के निशाने पर आए नए विपक्षी नेता हैं। उन पर बदले के लिए कार्रवाई की जा रही है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि शरद पवार लोकप्रिय नेता हैं। अगर वह खुद जांच में शामिल होने की बात कर रहे हैं तो साफ है कि पूरा मामला उनकी छवि खराब करने का ही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने टीएमसी, कांग्रेस, टीडीपी, सपा और दूसरे विपक्षी दलों के साथ भी ऐसा ही किया है।
उद्धव ठाकरे के साथ ही शिवसेना के संजय राउत बोले कि पवार पर लगाए आरोपों पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कहा है कि पवार पर लोग पूरा भरोसा करते हैं। वहीं, मामले में उनके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं है।

