बिहार में तीन चरणों के मतदान के बाद आज मतों गणना जारी है। तमाम टीवी चैनलों के एग्जिट पोल में महागठबंधन की सरकार बनाते दिखा रहे है। लेकिन अब जो रूझान आ रहे है वे एनडीए की वापसी की तरफ इशारा कर रहे है।
आरजेडी प्रमुख तेजस्वी ने बिहार के युवाओं को रोजगार के सपने बेचे तो नीतीश कुमार ने अपने 15 साल के कार्यां पर जनता से वोट मांगा। बिहार के चुनाव प्रचार में नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्य़क्ष जेपी नड्डा ने खूब जोर-शोर से प्रचार किया। आरजेडी के लिए कांग्रेस के राहुल गांधी ने रैलियां तो की, लेकिन जिस तरह से बीजेपी नेताओं ने चुनाव-प्रचार किया वैसा प्रभाव राहुल गांधी का नहीं रहा।
तेजस्वी यादव बिहार के युवाओं के लिए मसीहा बनकर उभरे, क्योंकि युवाओं को रोजगार के नाम पर लाखों नौकरियां देने का वायदा जो कर रहे थे। 3733 उम्मीदवारों में 3,362 आदमी और 370 महिला प्रत्याशी है। पुष्मम प्रिय चौधरी बिहार की राजनीति में अपनी नई पार्टी प्यूरल्स के साथ उतरी। आज ये फैसला हो जाएगा कि नीतीश एक बार फिर सत्ता में वापसी करेंगे या एक दिन पहले ही 31 साल के हुए तेजस्वी राज्य के सबसे युवा सीएम के रूप सामने आएंगे। नतीजा कुछ भी आए लेकिन, चुनाव मैदान में कुछ चेहरे ऐसे हैं, जिन पर सबकी नजर रहेगी।
तेजस्वी यादव राधोपुर सीट , उनके बड़े भाई तेजप्रताप हसनपुर से, पुष्पम प्रिय चौधरी बिस्फी, शत्रुध्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा बांकीपुर से, नीतीश के अलग होकर अ्पनी नई पार्टी हम बनाने वाले जीतन राम मांझी इमामगंज से, जन अधिकार पार्टी के मुखिया और बिहार के बाहुबली पप्पू यादव मघेपुरा सीट से, लालू यादव के समधी चंद्रिका राय परसा से, अंनत सिंह बाहुबली नेता मोकामा से मैदान में है। खबर लिखे जानें तक टीवी रुझानों के अनुसार एनडीए को 132 और आरजेडी को 98 सीट पर है। जिस तरह से मुकाबला चल रहा है उससे देखकर लगता है कि बिना निर्दलियों का सहारा लिए सरकार बनाना दोनों बड़ी पार्टियों के लिए मुश्किल होगा।

