आज के युग में तस्वीरें लेना आम बात हो गई है। सुख -दुखः को साझा करने से लेकर खबरें पहुँचने -पहुँचाने तक का माध्यम तस्वीरें बन गई है। ऐसे में तस्वीरें लेने पर कोई प्रतिबंध लगा सकता है यह सोचा भी नहीं जा सकता । लेकिन एक ऐसा मुल्क जो किसी जिन्दा चीजों की तस्वीरें लेने को पापा या गुनाह समझता है। तालिबान में लोगों से जिंदा चीजों की तस्वीरें न लेने की अपील की गई है।
तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद कई तरह के प्रतिबंध लगाने समेत बेतुके फरमान भी सुनायें हैं। हाल ही में सत्तारूढ़ तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी मोहम्मद हाशिम शहीद वरोर ने कहा है कि जिंदा चीजों की तस्वीरें लेना “घोर पाप” है। न्याय मंत्रालय के इस वरिष्ठ अधिकारी ने काबुल के एक सेमिनार में कहा कि तस्वीरें लेना बहुत बड़ा गुनाह है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार मोहम्मद हाशिम ने कहा कि भले ही पत्रकार तस्वीरें ले रहे हो लेकिन यह बहुत बड़ा गुनाह है। अधिकारी के अनुसार मीडिया के लोग समेत अफगानी नागरिक भी हमेशा इस पाप में लगे रहते हैं और अनैतिकता की ओर लगातार आकर्षित होते हैं।
कंधार में तस्वीरें लेने पर प्रतिबंध
इसी सप्ताह के आरंभ में तालिबान प्रांत कंधार में अधिकारीयों द्वारा किसी भी जिंदा चीज की तस्वीर या वीडियो नहीं बनाने का आदेश जारी किया गया। गौर करने योग्य है कि कंधार से निकलकर ही तालिबान पूरे पूरे अफगानिस्तान में फैला था। उसके बाद उसने इस्लाम की अपनी समझ के अनुसार कई कानून भी बनाए थे। नागरिक और सैन्य अधिकारियों को लिखे एक पत्र में कंधार गृह मंत्रालय ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि अपनी औपचारिक और अनौपचारिक बैठकों में जीवित चीजों की तस्वीरें लेने से बचें, क्योंकि इससे फायदे की तुलना में नुकसान अधिक होता है। इसी निर्देश में अधिकारीयों की बैठकों में टेक्स्ट और ऑडियो की इजाजत दी गई है।
कंधार के गवर्नर मोहम्मद आजम के एक प्रवक्ता ने समाचार एएफपी को बताया कि कंधार में आदेश दिया गया है कि वे जिंदा चीजों की कोई भी तस्वीर न लें। लेकिन प्रतिबंध अभी तक मीडिया या जनता पर लागू नहीं किया गया है। गौरतलब है कि इस्लामी कला में आम तौर पर इंसानों और जानवरों की तस्वीरों के प्रयोग से बचा जाता है ,लेकिन कुछ हालात में जीवित चीजों की तस्वीरों की अनुमति दी गई है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद से कई अफगान मीडिया संस्थानों ने इंसानों और जानवरों की तस्वीरों का इस्तेमाल करने से परहेज किया है, लेकिन तालिबान सरकार के सरकारी विभाग अक्सर शीर्ष अधिकारियों की विदेशी मेहमानों से मुलाकात की तस्वीरें खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट और शेयर करते हैं। जब से तालिबान सत्ता में आया है वह उदार स्थिति लाने के वादे के बावजूद उसके पिछले नियमों की तुलना में इस बार के नियम और भी कठिन हैं। पिछले शाषन के दौरान साल 1996 से 2001 के बीच अफगानिस्तान पर तालिबान ने जानवरों की तस्वीरों और टेलीविजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था,उस दौर में जिंदा लोगों की तस्वीरें लेने पर पाबंदी थी और टीवी तक प्रतिबंध था। हालांकि साल 2021 में जब तालिबान ने दोबारा सत्ता संभाला तो ऐसे किसी आदेश को लागू नहीं किया।

