संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने एक बार फिर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान कश्मीर का मसला उठाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर कोई कश्मीर का मुद्दा उठाना चाहता है, तो उसे उठाने दें। पाकिस्तान जितना नीचे गिरेगा, भारत उतना ही ऊपर उठेगा।
यूएन में भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि हम विभिन्न राष्ट्रों को हैंडल कर सकते हैं। विश्व समुदाय का फोकस संयुक्त प्रतिबद्धताओं पर है, किसी एक देश के एजेंडे पर नहीं। जो ट्रैक से उतर गए हैं, हम जानते हैं कि उन्हें कैसे हैंडल करना है।

सैयद अकबरुद्दीन कहा कि इमरान खान जो कहेंगे, राइट टू रिप्लाई के जरिए उसका जवाब दिया जाएगा। पहले उन्हें अवसर दें।
सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि यदि कश्मीर पर चर्चा होती है तो हम उसका स्वागत करेंगे। यह डिप्लोमेसी का हिस्सा है। हमने पहले भी अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका दौरे के महत्व की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पांच साल पहले 2014 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था। तब से अब तक नाटकीय रूप से दुनिया में भारत का स्थान परिवर्तित हुआ है।
सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि हम पहली बार कैरेबियाई देशों के 14 देशों के नेताओं के साथ पहली बार India-CARICOM समिट करने जा रहे हैं। दो घंटे के इस समिट में प्रधानमंत्री कैरेबियाई नेताओं से चर्चा करेंगे।
हम जो करने की कोशिश कर रहे, पहले कभी नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि हमारे साथ भारत- प्रशांत द्वीप के देश भी होंगे जो हमारी विदेश नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम जो करने की कोशिश कर रहे हैं वह सामान्य द्विपक्षीय संबंधों से परे है। हम संयुक्त राष्ट्र में अपनी बढ़ती भूमिका का लाभ उठाने के लिए अन्य देशों के साथ संलग्न हैं, जो पहले कभी नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा का फोकस क्लाइमेट एक्शन और सतत विकास पर है।इन दोनों ही मोर्चों पर भारत ने महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। चाहे वह क्लाइमेट एक्शन और पर्यावरण पर हो या सतत विकास लक्ष्यों को लागू करने की बात हो। हमने अपने देश में इन बिंदुओं पर क्या किया है, यह दिखाने का अवसर है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) और पेरिस समझौते की सफलता के बाद अब हम इसे व्यापक आधार दे रहे हैं। हमने औपचारिक रूप से इसे पिछले साल लॉन्च किया था और अब इस गठबंधन में विकसित के साथ ही विकासशील 79 देश शामिल हैं। हमें इस बात का एहसास है कि भारत के पास एक व्यापक संयोजन की क्षमता है।
उन्होंने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि लोग शांति के लिए उनकी भूमिका को जानते हैं, लेकिन वह स्थिरता के भी प्रतीक हैं। हम गांधी 150 सेलिब्रेशन्स पर फोकस कर रहे हैं। हमने विश्व के नेताओं से उन पर गांधीजी के प्रभाव की चर्चा करने का अनुरोध किया है।

