तत्कालीन त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने नैनीताल जिले के रामनगर को प्रदेश ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों की मेजबानी करने के लिए बड़ा सपना देखा था। जहां बड़े-बड़े सम्मेलन आयोजित कराने के लिए एक कन्वेंशन सेंटर की स्थापना महसूस की गई। रामनगर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जी-20 का भी आयोजन किया जाना था। इसी सोच के मद्देनजर दो साल पहले ही पौने छह करोड़ की लागत से उत्तराखण्ड के पहले कन्वेंशन सेंटर की स्थापना रामनगर के सांवल्दे में कर दी गई थी। चौंकाने वाली बात यह है कि कॉर्बेट पार्क में जी-20 का आयोजन तो कराया गया लेकिन यहां मौजूद करोड़ों की लागत से बने आलीशान कन्वेंशन सेंटर की पूरी तरह अनदेखी कर दी गई। जिस कार्य के लिए यह बहुउद्देशीय भवन बनाया गया उसमें आज तक एक भी कार्यक्रम नहीं किया गया। यह कन्वेंशन सेंटर सफेद हाथी बन गया है। महज तीन साल में ही इसकी हालत बद से बद्तर हो चली है। जगह-जगह से टूट-फूट चुके इस भवन परिसर को बाघ ने अपना आशियाना बना लिया है
रामनगर में उत्तराखण्ड का पहला कन्वेंशन सेंटर
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दावा किया था कि रामनगर में कन्वेंशन सेंटर की स्थापना से जनपद स्तरीय, राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले बैठकों एवं राजकीय कार्यक्रमों का सुव्यवस्थित तरीके से आयोजन किया जाएगा। इस सेंटर के आयोजन से क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, वहीं क्षेत्र का विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि जिम कॉर्बेट की कर्मस्थली होने के साथ ही रामनगर पर्यटन हब है तथा प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। कॉर्बेट पार्क में वन्य जीवों को देखने के लिए बड़ी संख्या में देश-विदेश से सैलानी आते हैं। प्रदेश में पर्यटन रोजगार का यह सशक्त माध्यम है। प्रदेश सरकार पर्यटक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव उपाय कर रही है। इससे ग्रामीण को विशेषकर महिलाओं एवं युवाओं का आर्थिक विकास हुआ है।
कन्वेंशन सेंटर के निर्माण में हुए 5 करोड़ 71 लाख 47 हजार खर्च
तेरह जनवरी 2021 को प्रदेश के तत्कालीन पर्यटन एवं सिचाई मंत्री सतपाल महाराज ने 6.13 करोड़ की दो योजनाओं का लोकार्पण किया। उन्होंने 41.48 लाख की लागत से कोसी बैराज रामनगर के सौंदर्यीकरण व मनोरंजन कार्य का लोकार्पण किया। इसके अलावा उन्होंने उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद की केंद्र वित्त पोषित योजना के तहत रामनगर के सांवल्दे में 571.47 लाख की लागत से निर्मित कन्वेंशन सेंटर भवन का लोकार्पण किया।
क्यों जरूरत पड़ी कन्वेंशन सेंटर की
उत्तराखण्ड सरकार सरकारी कार्यक्रम का आयोजन करते समय होटल और रिसॉर्ट में काफी किराया देती थी। इस खर्चे से निजात पाने के लिए एक कन्वेंशन सेंटर बनाने की मांग की गई थी। जिसमें होने वाले कार्यक्रम बिना किसी खर्च के हो सकें। उत्तराखण्ड में भी एक ऐसे केंद्र की जरूरत लम्बे समय से महसूस की जा रही थी, जहां बड़े सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हो सकें। साथ ही प्रदेश के उत्पादों की ग्लोबल ब्रांडिंग हो सके, जिससे कारोबार में गति लाई जा सके।
वर्तमान स्थिति
तीन साल पहले ही पौने छह करोड़ खर्च किए जाने और आलीशान बिल्डिंग बनने के बावजूद आज तक कन्वेंशन सेंटर में कोई मीटिंग और आयोजन नहीं हुआ। जिस जमीन पर यह कन्वेंशन केंद्र बना हुआ है उसकी कीमत भी कई करोड़ है। कन्वेंशन सेंटर के आसपास रिजॉर्ट वैली है जहां कई आलीशान रिजॉर्ट बने हुए हैं।
कन्वेंशन सेंटर में बाघ ने बनाया आशियाना
‘दि संडे पोस्ट’ टीम जब रामनगर विधानसभा क्षेत्र की सीमा के अंतिम गांव सांवल्दे में बने कन्वेंशन सेंटर पहुंची तो उसके मुख्य द्वार पर ताला लगा हुआ था। पता किया गया कि ताले की चाबी किसके पास है तो बताया गया कि पास में ही स्थित प्रदेश के पहले सरकारी होटल एवं मैनेजमेंट इंस्टीट्îूट के गार्ड के पास है। टीम गार्ड के पास पहुंची और कन्वेंशन सेंटर की चाबी मांगी तो वहां मौजूद गार्डन मनमीत नेगी ने ‘दि संडे पोस्ट’ टीम को सचेत किया और कहा कि आपको मैं चाबी तो दे दूंगा लेकिन जब आप गेट का ताला खोलकर अंदर जाएं तो चौंकन्ना होकर जाएं, क्योंकि कुछ दिन पहले ही कन्वेंशन सेंटर में बाघ देखा गया था। एक महिला कन्वेंशन सेंटर में उगी घास-फूस लेने गई थी तो वह बाघ को अंदर देखकर वहां से भाग खड़ी हुई थी। इसके बाद ‘दि संडे पोस्ट’ टीम ने वहां का निरीक्षण किया।
परिसर में निकलना हुआ दुश्वार
कन्वेंशन सेंटर के मुख्य द्वार से भवन तक जाने के लिए बनाए गए रास्ते पर बड़ी-बड़ी कटीली झाड़ियां, घास-फूस इस कदर हो गई है कि वहां से निकलना दुश्वार हो गया। परिसर में चारों तरफ ऐसी ही स्थिति है जहां अगर बाग आकर छुप भी जाए तो दिखाई नहीं दे सकता, क्योंकि झाड़ियां इतनी बड़ी-बड़ी हो चुकी हैं कि वर्षों से उनकी न कटाई हुई है, न वहां सफाई हुई है।
भवन के शीशे, छत, दरवाजे टूटे हुए जब ‘दि संडे पोस्ट’ टीम आलीशान भवन में पहुंची तो अंदर का दृश्य देखकर हतप्रभ रह गई। सरकार करोड़ों रुपया किस तरह बर्बाद करती है इसकी एक बानगी यहां देखने को मिलती है। पौने छह करोड़ की जो बिल्डिंग महज तीन साल पहले ही बनकर तैयार हुई थी वह आज बुरी हालत में है। भवन में लगे शीशे जगह-जगह से तोड़ दिए गए हैं। हर जगह कांच ही कांच बिखरा हुआ है। कहीं दरवाजे टूटे हुए थे तो कहीं टूटी छत अपनी बदहाली की कहानी कह रही थी।
चोरों ने भी किया हाथ साफ
भवन के अंदर का दृश्य देखकर लग रहा था कि यहां चोरों ने भी अपने हाथ साफ किए हैं। भवन में लगे कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण गायब थे। बाथरूम में कई जगह गीजर दिखाई दे रहे थे तो कई जगह नहीं दिख रहे थे। आस-पास के लोगों का कहना है कि कन्वेंशन सेंटर से बहुत सी चीज गायब हो चुकी है।
कोरोना केंद्र बना, लेकिन नहीं लाए गए मरीज
जब कोविड-19 महामारी ने अपने पांव पसारे तो स्थानीय लोगों ने खाली पड़े कन्वेंशन सेंटर को कोरोना केंद्र बनाकर यहां मरीज भर्ती करने की मांग की थी। जिसके मद्देनजर जुलाई 2021 में स्वास्थ्य विभाग ने यहां करीब डेढ़ सौ बेड लाकर डाल दिए थे। लेकिन उस पर भी लापरवाही यह रही कि एक भी मरीज की भर्ती नहीं की गई। आज भी स्वास्थ्य विभाग के बेड हर कमरे में जहां-तहां पड़े हुए नजर आते हैं। हालांकि सभी बेड पर से गददे गायब हो चुके हैं।
पीपीपी मोड पर दिए जाने की चली थी चर्चा
पिछले दिनों इस कन्वेंशन सेंटर को सरकार द्वारा पीपीपी मोड पर दिए जाने की चर्चा चली थी। हालांकि सरकार की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई थी। रामनगर के लोगों ने बताया कि पीपीपी मोड पर कुछ लोग इसे लेना चाहते थे लेकिन सरकार से उनकी बात नहीं बन पाई।
आपने हमें इसकी जानकारी दी इसके लिए धन्यवाद। हमें आज तक किसी अधिकारी ने यह नहीं बताया कि कन्वेंशन सेंटर की बदतर हालत हो चुकी है। लेकिन जब आप बता रहे हैं तो ऐसा ही होगा। मैं खुद इस मामले का संज्ञान लूंगा और अपने अधिकारियों को वहां भेजूंगा। इस कन्वेंशन सेंटर की हालात को सुधार कर इसे सुचारू किया जाएगा।
सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री
मैंने इस कन्वेंशन सेंटर की हालत पर कई बार पर्यटन विभाग को बोला है लेकिन विभाग के अधिकारी मेरी सुन नहीं रहे हैं। अधिकारी कहते हैं कि यह केन्द्र का मामला है। इस कन्वेंशन सेंटर को
हमने पीपीपी मोड पर देने की भी बात कही थी। इसका किराया भी बहुत ज्यादा है जिसके कारण लोग इसमें कार्यक्रम करने की बजाय होटलों में कर रहे हैं। गांव के जो लोग इस कन्वेंशन सेंटर में बाघ आने की बात कह रहे हैं वे इसमें सीसे तोड़ने वाले और चोरी करने वाले बाहरी लोगों को क्यों नहीं पकड़वा पा रहे हैं।
दीवान सिंह बिष्ट, विधायक रामनगर

