ट्रम्प सरकार में डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी के प्रमुख पद से एलन मस्क के इस्तीफे की सबसे बड़ी वजह ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ को माना जा रहा है। इसमें टैक्स में भारी कटौती और सैन्य बजट में बढ़ोतरी जैसे कदम शामिल थे। मस्क ने सार्वजनिक रूप से इस पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि यह बिल डीओजीई की बचत योजनाओं को नुकसान पहुंचाएगा साथ ही बजट घाटे को और बढ़ाएगा। मस्क काॅरपोरेट की दुनिया में अपनी सफलता और असफलता दोनों के लिए जाने जाते हैं। उनकी निजी जीवन शैली से लेकर काॅरपोरेट में काम करने का तरीका हमेशा चर्चाओं में रहा है। वे अजीबो गरीब और चैंकाने वाले फैसलों के लिए चर्चित रहते हैं। काफी हद तक यही हाल राष्ट्रपति ट्रम्प का भी है। ऐसे में इस जोड़ी के लम्बे समय तक साथ चल पाने पर पहले से ही संशय था। अब जब मस्क ने ट्रम्प का साथ छोड़ दिया है तो यह सवाल उठ रहे हैं कि इस घटना का अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय जगत पर क्या असर पड़ेगा। अब ट्रम्प की दिशा क्या होगी?
जानकारों का कहना है कि ट्रम्प सरकार की नीतियों में बदलाव को लेकर अब नई बहस छिड़ सकती है। डीओजीई योजनाओं के स्वरूप पर पुनर्विचार के लिए ट्रम्प प्रशासन पर दबाव बढ़ सकता है। मस्क का यह इस्तीफा सरकार के भीतर मतभेदों को भी उजागर करता ह। इसलिए भविष्य में इसका असर प्राइवेट सेक्टर और सरकार के रिश्तों पर भी पड़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की बात करें तो मस्क के जाने से अमेरिका में निवेश करने वालों को यह संदेश जा सकता है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थसत्ता वाले देश की आर्थिक नीतियों में स्थिरता नहीं है। टेस्ला और स्पेस एक्स जैसी कम्पनियों के चलते मस्क का कारोबार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। उनका इस्तीफा अमेरिका की नवाचार और विशिष्ट कार्यक्षमता वाली छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। मस्क ने संकेत दिया है कि अब वे राजनीति से दूरी बनाकर अपने कारोबारी उपक्रमों टेस्ला और स्पेस एक्स पर ध्यान देंगे तो माना जा सकता है कि अब वे सरकारी पचड़े से दूर ही रहना चाहते हैं।
एलन मस्क का ट्रम्प प्रशासन से इस्तीफा एक महत्वपूर्ण राजनीतिक, सामाजिक और कारोबारी घटना है। इसका असर कई स्तरों पर होगा, लेकिन इसे पूरी तरह से ट्रम्प के लिए नकारात्मक मानना भी ठीक नहीं होगा। इसे व्यक्तित्व और विचारधारा के टकराव और कार्यशैली की विसंगति या विरोधाभास के रूप में देखा जा सकता है। मस्क जहां नवाचार, भविष्य की सोच, वैश्विक पूंजीवाद और तकनीक आधारित शासन के पक्षधर हैं वहीं ट्रम्प अपने दूसरे कार्यकाल में राष्ट्रवादी, संरक्षणवादी और सख्त सरकार का चेहरा बनकर उभरे हैं।
मध्यम वर्ग, स्वतंत्र मतदाता और वैश्विक अभिजात वर्ग के लिए मस्क का जाना ट्रम्प की व्यापारिक समझदारी और भविष्य की सोच वाली छवि को चोट पहुंचाता है। जबकि ट्रम्प समर्थक इस बात से संतुष्ट हो सकते हैं कि ट्रम्प वैश्विक शक्तियों से लड़ रहे हैं और ‘अरबपति अभिजात वर्ग’ के दबाव में नहीं आ रहे हैं। इस बात की सम्भावना कम है कि इस घटना के बाद ट्रम्प अपनी नीतियों में कोई क्रांतिकारी बदलाव करें या अपने कदम पीछे खींचें।
कुल मिलाकर एलन मस्क के इस्तीफे बाद ट्रम्प सरकार और निजी क्षेत्र के दिग्गजों के बीच सामंजस्य आसान नहीं है। अब देखना होगा कि ट्रम्प और मस्क दोनों ही भविष्य में अपने व्यवहार और कार्य से इस घटना को कौनसी दिशा देते हैं। एक-दूसरे के प्रति नरमी बरतते हैं या सख्त रवैया अपनाते हैं। जाहिर है दोनों स्थितियों के परिणाम न सिर्फ अमेरिका के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी दूरगामी होंगे।
गौरतलब है कि सरकारी भूमिका निभाने से मस्क की कम्पनियों, खासकर टेस्ला पर नकारात्मक असर पड़ा है। टेस्ला का मुनाफा 71 प्रतिशत तक गिरा है। मस्क की व्यावसायिक और राजनीतिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन को लेकर उनके निवेशकों में भी चिंता होने लगी थी। मस्क और ट्रम्प का व्यक्तिगत रिश्ता प्यार और टकराव वाला रहा है। 2024 के चुनाव में मस्क ट्रम्प के बड़े समर्थक थे, लेकिन आर्थिक नीतियों और प्रशासनिक तौर-तरीकों पर मतभेद के चलते दोनों के रिश्तों में दूरियां भी बनीं। भविष्य में मस्क के ट्रम्प प्रशासन से रिश्ते कैसे रहेंगे यह कहना अभी मुश्किल है? यह भी सम्भव है कि कारोबारी नीतियों आदि को लेकर आने वाले समय में उनका ट्रम्प प्रशासन के साथ टकराव भी देखने को मिले। यदि टकराव बढ़ता है तो अपनी फितरत के चलते ट्रम्प भी चुप नहीं बैठेंगे और उनकी तरफ से होने वाली प्रतिक्रिया मामले को और जटिल ही बनाएगी। एलन मस्क के इस्तीफे के पीछे सिर्फ बजट नीतियों से असहमति ही नहीं थी, बल्कि टैरिफ जैसे मुद्दों पर गहरे मतभेद भी इसमें शामिल थे।