हाल ही कैबिनेट मंत्री के पद से प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफा देने के साथ ही उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट में जल्द ही फेरबदल की अटकलें हैं। प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि धामी कैबिनेट में चार नए चेहरों को जगह मिल सकती है। असल में तीन साल से कम कार्यकाल में धामी कैबिनेट में दो और कुर्सियां खाली हो चुकी हैं। सरकार गठन के दिन से ही तीन कुर्सियां खाली रखी गई थीं। कैबिनेट मंत्री रहे चंदन राम दास के निधन के बाद एक कुर्सी खाली चल रही थी।

अग्रवाल का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद खाली कुर्सियों की संख्या पांच हो गई है। धामी मंत्रिमंडल में खाली कुर्सियों को भरने की संभावना के बीच पार्टी के विधायकों की भागादौड़ी तेज हो गई है। वर्तमान में पार्टी में बिशन सिंह चुफाल, मदन कौशिक, बंशीधर भगत, खजानदास और अरविंद पांडेय, पांच ऐसे वरिष्ठ विधायक हैं जो पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हैं। लेकिन ये सभी नाम उम्र, अनुभव, क्षेत्रीय, जातीय और राजनीतिक समीकरणों के हिसाब से कितने उपयुक्त होंगे यह पार्टी आलाकमान और सीएम धामी को तय करना है। माना जा रहा है कि क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के हिसाब से धामी कैबिनेट का नया स्वरूप तय होगा। फेरबदल के दौरान विभागीय कामकाज को लेकर जांच को लेकर चर्चाओं में रहे एक और कैबिनेट मंत्री की विदाई हो सकती है। मंत्री पद की दौड़ में जो नाम तैर रहे हैं उनमें हरिद्वार संसदीय क्षेत्र से मदन कौशिक, आदेश चैहान व विनोद चमोली प्रमुख हैं, वहीं खजानदास, मुन्ना सिंह चैहान, सहदेव पुंडीर और उमेश शर्मा काऊ का नाम कतार में है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि किसकी किस्मत खुलती है।

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