केंद्र सरकार और किसानों संगठनों के बीच आठवें दौर की वार्ता आज होगी। किसान पिछले एक महीने से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए है। अभी तक किसानों और केंद्र सरकार के बीच दो मुद्दों को लेकर बात बन गई है, पंरतु कुछ मुद्दों को लेकर आज आठवें दौर की बातचीत होगी। बीते दिन किसानों ने ट्रैक्टर रैली से अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था। ट्रैक्टर रैली के द्वारा किसानों ने अपनी ताकत सरकार को दिखाई, किसानों ने कहा कि यह तो अभी ट्रेलर है पिक्चर तो अभी बाकी है।
जब छठे दौर की बैठक हुई थी, तो उसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने खुद किसानों के साथ लंगर बांटा था। जिसके बाद बैठक का रुख ही बदल दिया गया। छठे दौर की बैठक के दौरान सरकार ने किसानों की बिजली और पराली को लेकर दो मांग भी मान ली। उसके बाद सातवें दौर की मीटिंग की शुरूआत भी इस तरह के सकारात्मक कदम से हुई।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के यूथ विंग के अध्यक्ष अभिमन्यु का कहना है कि सरकार को तीनों कानून तो वापस लेने ही होंगे और एमएसपी गारंटी कानून बनाना पड़ेगा। चाहे अब बनाएं या बाद में बनाएं। अगर सरकार जल्दी कोई फैसला नहीं लेती तो यह आन्दोंलन और तेज होगा। कल सभी ने रिहर्सल देख ली होगी और यह आंदोलन सिर्फ कुछ लोगों का नहीं पूरे देश का आंदोलन है। भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर पंजाब के स्टेट अध्यक्ष जगजीत सिंह ढल्लेवाल का कहना है कि हम उम्मीद लेकर जा रहे हैं कि सरकार कुछ ना कुछ जरूर करेगी, क्योंकि काफी लंबा हो गया है और जो कल हमारी ट्रैक्टर परेड थी, वह भी काफी सफल रही है। सरकार को समझ में आ गया होगा कि किसान एकजुट है और अपने आंदोलन को लेकर के पीछे हटने वाला नहीं है।
किसान संगठन कृषि कानूनो को वापस करने की जिद्द पर अड़े हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकार सुधार के लिए तैयार है, लेकिन कानूनों को रद्द नहीं कर सकती। आज दोपहर 2 बजे किसान संगठनों और सरकार के बीच विज्ञान भवन में वार्ता होगी।