केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को लगभग तीन हफ्ते हो गए हैं।जिसको लेकर पाकिस्तान बौखलाहट में है। पाकिस्तान की तरफ से यूएन को एक खत लिखा गया है जिसमें राहुल गांधी के बयानों का जिक्र किया गया है।
पाकिस्तान के इस कदम को लेकर अब इस विषय पर राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि” यह सही है कि इस सरकार से वो कई मुद्दों पर इत्तेफाक नहीं रखते हैं।लेकिन वो एक बात स्पष्ट करना चाहते हैं कि कश्मीर, भारत का आंतरिक मामला है। इस विषय पर न तो पाकिस्तान या दूसरे देश को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।“
राहुल गांधी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा के लिए पाकिस्तान पूरी तरह जिम्मेदार है। आतंकवाद और पाकिस्तान के बीच क्या संबंध है यह पूरी दुनिया जानती है। इसमें दो मत नहीं कि पाकिस्तान का आतंकवाद से सीधा संबंध है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की करतूतों के ऐतिहासिक साक्ष्य हैं।
पाकिस्तान ने यूएन को लिखे खत में राहुल गांधी के बयानों का जिक्र करने पर कांग्रेस बैकफुट पर आ चुकी है।
शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा कि जिस तरह से अनुच्छेद 370 को हटाया गया है उस तरीके का विरोध है। पाकिस्तान को राहुल गांधी के बयानों से निष्कर्ष निकालने की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि हमने यह पाया है कि यूएन को लिखे खत में राहुल गांधी के नाम का शरारतपूर्ण अंदाज में किया गया है। पाकिस्तान इस विषय पर दुष्प्रचार करने के साथ झूठ बोल रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी मुल्क को संदेह नहीं होना चाहिए , जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है। जम्मू कश्मीर हमेशा भारत का अखंड हिस्सा रहेगा। पाकिस्तान की कोई भी कोशिश इस सत्य को झुठला नहीं सकती है।
अब सवाल यह है कि राहुल गांधी इस तरह की अब क्यों कर रहे हैं। राहुल गांधी के पिछले बयानों पर बीजेपी ने निशाना साधा था। बीजेपी का कहना है कि दुख की बात ये है कि राहुल गांधी मोदी सरकार का विरोध करते -करते देश की मुखालफत पर उतर चुके हैं। उन्हें यह नहीं पता कि उनके बयानों को पाकिस्तान किस तरह से फायदा उठा रहा है। भारत सरकार का स्पष्ट मत है कि जम्मू-कश्मीर पर सभी राजनीतिक दलों को राय रखने का अधिकार है। लेकिन इसके साथ यह भी देखना होगा कि पड़ोसी मुल्क विरोधी दलों के बयानों का इस्तेमाल कहीं भारत के खिलाफ तो नहीं कर रहा है।

