“पहले अयोध्या में मंदिर फिर महाराष्ट्र में सरकार…जय श्रीराम!!!”
आज अपने ट्वीट में शिवसेना के नेता संजय रावत ने यही लिखा है । यानी कि पहले अयोध्या में मंदिर बनेगा और उसके बाद महाराष्ट्र में सरकार । रावत के ट्वीट ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर नहीं उलटफेर के संकेत दिए हैं । राउत के इस ट्वीट से लगता है कि शिवसेना अभी सरकार बनाने के मूड में नहीं है । कारण सुप्रीम कोर्ट ने जो आज अयोध्या विवाद प्रकरण पर फैसला सुनाया है वह यह है कि पहले इस मामले पर एक ट्रस्ट बनेगा और वह पूरी रणनीति बनाकर 3 महीने बाद राम मंदिर निर्माण शुरू करेगी । लगता है कि शिवसेना पूरी फुर्सत में है ।
आज 9 नवंबर है । यानी कि भाजपा की देवेंद्र फडणवीस सरकार का अंतिम दिन । आज अगर सरकार नहीं बनती है तो फिर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने के आसार ज्यादा पैदा हो जाएंगे । हालांकि प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास विशेष अधिकार है कि वह किसी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं । इसी के साथ ही वह सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 1 महीने का समय भी दे सकते हैं ।लेकिन इसी दौरान जो बात निकल कर सामने आ रही है वह यह है कि फिलहाल शिवसेना को अपने विधायकों के टूटने का खतरा अंदर ही अंदर सताए जा रहा है । चर्चा है कि भाजपा के कुछ नेता शिवसेना विधायकों को तोड़ने के लिए साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपना रहे हैं ।

हालांकि कांग्रेस ऐसा कल कह चुकी है । कांग्रेस ने स्पष्ट कहा है कि भाजपा विधायकों को खरीद कर अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए कुछ भी कर सकती है । हालांकि शिवसेना ने अपने विधायकों को अपनी सुरक्षा में रखा है । दूसरी तरफ शिवसेना के सामने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का ऑप्शन भी है । जिसमें कई दिनों से मैराथन दौड़ चल रही है । इसके लिए कांग्रेश और एनसीपी के साथ ही शिवसेना के नेताओं की कई मीटिंग हो चुकी है ।
बताया जा रहा है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार से शिवसेना के नेता कल ही मुलाकात कर चुके हैं । फिलहाल शरद पवार के हाथ में महाराष्ट्र की सत्ता की चाबी है । इस चाबी से में वह सत्ता के द्वार खोल सकते हैं । लेकिन वह यह अवसर किसे देंगे यह देखना होगा । सुनने में आ रहा है कि इस बार शरद पवार किंग मेकर की भूमिका में नजर आएंगे । यानी कि सरकार अगर बनेगी तो उसमें शरद पवार सीएम नहीं होंगे । तो फिर सवाल यह पैदा होता है कि महाराष्ट्र का सीएम कौन होगा ?

