हरियाणा में एक बार फिर कांग्रेस राजनीति का शिकार होती हुई दिखाई दे रही है। यहां के प्रदेश अध्यक्ष रहे डॉक्टर अशोक तंवर अब कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक मूड में आ गए हैं। अब तक डॉ. अशोक तंवर कांग्रेस के बागी नेता के रूप में जाने जाते थे। लेकिन अब वह हरियाणा की राजनीति में नया धमाका करने जा रहे हैं।
आने वाली 16 फरवरी को डॉक्टर अशोक तंवर करनाल में एक जनसभा करेंगे। जहां वह उसमें अपनी नई पार्टी का ऐलान करेंगे। कांग्रेस के सूत्रों की माने तो डॉक्टर अशोक तंवर के साथ 16 फरवरी को करनाल की इस रैली में बहुत से कांग्रेसी भी शामिल होंगे। इससे हरियाणा के कांग्रेस अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नुकसान होने की संभावना है।
सब जानते हैं कि हरियाणा की राजनीति में हुड्डा और तंवर में 36 का आंकड़ा चल रहा है। यह दोनों की लड़ाई उस समय सामने आई थी जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खुलेआम डॉक्टर अशोक तंवर का विरोध करना शुरू कर दिया था। करीब 3 साल पहले से ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा अशोक तंवर को किसी भी मंच से ललकारते हुए नजर आते थे। हरियाणा के कांग्रेसी डॉ. अशोक तंवर के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अधिकतर असमंजस की स्थिति में रहे। कार्यकर्ताओं में एक दूसरे की और खुलकर जाने का डर दिखता रहा। यही वजह रही कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में दो गुट जमकर एक-दूसरे के आमने-सामने अक्सर होते रहे हैं। इसमें कांग्रेस को बहुत नुकसान उठाना पड़ा था।
हरियाणा में चार माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव की कमान कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सौप दी तो अशोक तंवर खुलकर विरोध में उतर गए। उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वह दुष्यंत चौटाला की पार्टी को समर्थन दे बैठे जिसके चलते हरियाणा में कांग्रेस यह मुकाबला जीतने में कुछ ही कदम दूर रह गई थी। हालांकि, बाद में तंवर को दुष्यत चौटाला ने कोई खास तवज्जों नहीं दी। शायद इसी उपेक्षा के चलते अब तंवर को नई पार्टी का गठन करने की तरफ कदम उठाना पड़ेगा ।
बताया जा रहा है कि 16 फरवरी को करनाल में तंवर के साथ नई पार्टी की घोषणा करते समय कांग्रेसी नेता धर्मपाल कटारिया, रघुबीर भारद्वाज, संग्राम सिंह, विकास, शेर प्रताप शेरी, पंकज पूनियां, रामफल कमांडो, जयपाल लाली, बिजेंद्र पप्पी, महावीर तंवर आदि साथ रहेंगे। सभी ने एक सुर में कहा है कि वह सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से जनता की आवाज उठाने में तंवर के साथ हैं।

