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अन्य बीमारियों से भी मौत के खतरे को कम करती है कोरोना वैक्सीन- स्टडी

कोरोना

कोरोना से बचाव के लिए इस समय कोरोना वैक्सीन को हथियार के रूप में देखा जा रहा है। तो लोगों के मन में ये भी सवाल है कि क्या वैक्सीन अन्य गंभीर बीमारियों से होने वाली मृत्यु दर को भी प्रभावित कर रही है? ऐसे में एक ताजा अध्ययन में इन सवालों के जवाब देने की कोशिश की गई है। जानिए क्या कहता है नया शोध…

कैसर परमानेंट द्वारा किए गए निष्कर्ष  अमेरिकी स्वास्थ्य संस्था (Centers for Disease Control and Prevention) ने Morbidity and Mortality Weekly Report में प्रकाशित किए गए हैं। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने अमेरिका में टीकाकरण किए गए 6.4 मिलियन लोगों के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड का विश्लेषण किया। आंकड़ों की तुलना 4.6 मिलियन लोगों के डेटा से की गई है, जिन्हें 14 दिसंबर 2020 और 31 जुलाई 2021 के बीच टीका नहीं लगाया गया था। अध्ययन में केवल गैर-कोविड संबंधित मौतों के विश्लेषण पर जोर दिया गया है।

अमेरिका में कोराना का टीकाकरण करने के लिए फाइजर, मोर्डाना और जॉनसन एंड जोन्स के टीकों का उपयोग किया जा रहा है। फाइजर और मोर्डाना के पूर्ण टीकाकरण के लिए 2 खुराक की आवश्यकता होती है। जबकि जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन की एक खुराक से पूर्ण टीकाकरण होता है।

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एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, अध्ययन में पाया गया कि फाइजर वैक्सीन प्राप्त करने वालों में मृत्यु दर पहली खुराक के बाद प्रति हजार 4.2 मौत थी। लेकिन दूसरी खुराक में यह घटकर 3.5 मौत प्रति हजार रह गई है। उस समय इस समूह में मृत्यु दर टीकाकरण न करवाने वालों की तुलना में प्रति हजार 11.1 मृत्यु थी।

मोर्डना वैक्सीन पाने वालों में पहली खुराक के बाद मृत्यु दर 3.7 प्रति हजार थी। फिर दूसरी खुराक के बाद यह घटकर 3.4 रह गई। उस समय, इस समूह में मृत्यु दर प्रति हजार लोगों की तुलना में 11.1 मृत्यु दर थी, जिन्होंने टीका नहीं लगाया था। जॉनसन एंड जॉनसन के टीके लगाने वालों ने तब प्रति वर्ष 8.4 प्रति हजार की मृत्यु दर दिखाई। उस समय टीकाकरण न कराने वालों में मृत्यु दर 14.7 प्रति हजार थी।

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