- संतोष सिंह
सीमांत चमोली जिले में सड़क सुविधा की मांग को लेकर लोग आंदोलित हैं। अपनी मांगों को लेकर कई गावों के लोगों ने धरना-प्रदर्शन शुरू किया है, वहीं कुछ गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है। ऐसे में जिला प्रशासन के सामने लोगों को संतुष्ट करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण हिस्सों में बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ना है जिससे यहां के लोगों का समग्र आर्थिक विकास हो और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए रास्ता खुले। इससे ग्रामीण आबादी को सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद मिले। ग्रामीण क्षेत्रों के योजनाबद्ध विकास के संदर्भ में ग्रामीण सड़कों के विकास पर सरकार का मुख्य फोकस भी रहा है। लेकिन जिस तरह से पहाड़ों में सड़क सुविधाओं से जोड़ने में हिला-हवाली की जा रही है उससे जिले के दर्जनों गांव आज भी सड़क निर्माण के इंतजार में सरकार पर टकटकी लगाए हुए हैं। अधिकतर मामलों में स्थिति निराशाजनक ही बनी हुई है जिसके चलते लोगों ने अब सड़क निर्माण की मांग को लेकर आंदोलन की राह पकड़ ली है।
सैंजी लग्गा बेमरू स्यूंण डुमक 32 किमी मोटर मार्ग के निर्माण कार्य को लेकर पिछले माह क्षेत्र के दर्जनों गांवों द्वारा धरना-प्रदर्शन शुरू किया गया। यही नहीं बल्कि जिला मुख्यालय में विशाल जनाक्रोश रैली निकाल कर अपना आक्रोश भी जताया गया जिसके बाद बदरीनाथ के पूर्व विधायक व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने शासन स्तर से मामले को सुलझाने की बात कही। तब भट्ट ने और जोशीमठ के दूरस्थ गांव डुमक के ग्रामीणों को पुराने समरेखण पर ही सड़क निर्माण शुरू करने का आश्वासन दिया था जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा फिलहाल ये कहकर आंदोलन स्थगित किया गया कि फरवरी माह तक काम शुरू नहीं किया गया तो फिर से आंदोलन होगा। दूसरी ओर जोशीमठ विकासखंड के ही दूरस्थ गांव गणाई, दाडमी के चार गांवों के लोगों ने सड़क निर्माण की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी दी है। चमोली जिले के जोशीमठ विकासखंड के ग्राम गणाई, कोट, दाडमी, नौली ग्वाड़ के ग्रामीणों ने जिला निर्वाचन अधिकारी चमोली को गणाई मोटर मार्ग निर्माण की मांग को लेकर एक सप्ताह पूर्व ज्ञापन सौंपा है जिसमें उन्होंने पोलिंग पार्टियों को लोकसभा चुनाव के दौरान गांव में प्रवेश न करने देने की बात कही है।
गांव के जगदीश प्रसाद, राधेश्याम सती, शिव लाल, बनवारी लाल का कहना है कि ‘देश की आजादी को बीते लंबा अरसा हो गया है लेकिन जोशीमठ विकास खंड के चार गांव के ग्रामीण आज भी सड़क के लिए तरस रहे हैं। शासन प्रशासन को बार-बार गुहार लगाने के बाद भी उनकी मांग पर कोई गौर नहीं किया जा रहा है जिससे ग्रामीणों में खासा रोष व्याप्त है।’ शिव लाल का कहना है कि ‘जब गांवों को कोई सुविधा मिलनी नहीं है तो ग्रामीण राजनीतिक दलों के लिए सिर्फ वोट बैंक बनकर क्यों रहें। इसके चलते चारों गांवों के ग्रामीणों ने चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है।’
दूसरी तरफ ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण बिनायक धार में पांच किमी सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना-प्रदर्शन 5 फरवरी से जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि तहसील खनसर क्षेत्र को थराली क्षेत्र से जोड़ने वाली विनायक धार पांच किमी मोटर मार्ग निर्माण कार्य किया जाए जिससे लोगों को सड़क सुविधा का लाभ मिल सके। इसके अलावा पोखरी विकास खंड में नौली-धौतीधार मोटर मार्ग निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना-प्रदर्शन जारी है। चन्द्रशिला पट्टी के 40 से अधिक गांवों के ग्रामीणों ने 10 फरवरी को जुलूस प्रदर्शन कर धरना शुरू किया था। बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने भी धरना स्थल पर पहुंच कर लोगों को अपना समर्थन दिया है और कहा कि पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस मोटर मार्ग का निर्माण किया जाना जरूरी है।

