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क्या है बीजेपी-बीजद कड़वाहट की वजह

उड़ीसा में लोकसभा के साथ ही राज्य में विधानसभा के भी चुनाव हो रहे हैं। चुनाव से पहले राज्य में बीजेपी और बीजेडी के बीच गठबंधन की बात चल रही थी और अब कुछ ही दिनों के भीतर कड़वाहट काफी बढ़ गई है। पहले पीएम मोदी की ओर से दिया गया 10 जून वाला बयान और उसके बाद संबित पात्रा की हालिया टिप्पणी के बाद बीजेपी और बीजेडी के बीच राजनीतिक कड़वाहट भी तेज हो गई है। पुरी लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार संबित पात्रा द्वारा राज्य के प्रतिष्ठित देवता को मोदी का भक्त बताने वाली टिप्पणी बाद राज्य के सीएम को हमला करने का मौका मिल गया। जैसे-जैसे राज्य में चुनाव आगे बढ़ रहा है दोनों ओर से अब व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं। साथ ही दोनों तरफ से उड़िया अस्मिता वाली भी बात शुरू हो गई है। इससे पहले नवीन पटनायक और पीएम मोदी की मित्रता की मिसाल दी जाती थी लेकिन अब दोनों नेता एक दूसरे पर हमलावर हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह है जो इनके बीच इतनी कड़वाहट पैदा हो गई है।

चुनाव के बीच इस कड़वाहट को कई राजनीति के जानकार सिर्फ चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि केंद्र में सभी छोटे-बड़े मौकों पर नवीन पटनायक की पार्टी ने बीजेपी का साथ दिया। पूर्व में पीएम मोदी उड़ीसा के सीएम को अपना मित्र बता चुके हैं तो वहीं नवीन पटनायक मोदी सरकार को दस में आठ नंबर दे चुके हैं। कुछ लोग इसके पीछे पूर्व नौकरशाह और नवीन पटनायक के करीबी पांडियन को भी वजह मानते हैं।

नौकरी छोड़ पांडियन अब राजनीति में आ चुके हैं और उनकी गिनती पार्टी में नंबर 2 के नेता के तौर पर हो रही है। पांडियन मूलतः तमिलनाडु के रहने वाले हैं और उनकी सक्रियता को देख बीजेपी ने इसे उड़िया अस्मिता से जोड़ दिया है। राज्य में जो गठबंधन नहीं हुआ उसके पीछे एक वजह इसे भी माना गया। वहीं दूसरी ओर कुछ जानकारों का मानना है कि यह कड़वाहट सिर्फ चुनाव भर के लिए है। इसके पीछे कुछ लोग कांग्रेस वाला एंगल भी देख रहे हैं। बीजेपी और बीजेडी दोनों साथ आते तो कांग्रेस पार्टी विपक्ष के तौर पर साफ दिखती और राज्य में उसे अपना जनाधार बढ़ाने का मौका मिल जाता। ऐसे में इससे बीजेपी और बीजेडी दोनों को नुकसान पहुंच सकता था इसलिए दोनों दल साथ नहीं आए।

गौरतलब है कि बीते दिनों उड़ीसा में एक चुनावी सभा को सम्बोधित करते समय पीएम मोदी ने कहा कि ‘10 जून को उड़ीसा में बीजेपी का मुख्यमंत्री होगा। इतने वर्षों से प्रदेश के सीएम पद पर काबिज नवीन पटनायक बिना कागज देखे राज्य के सभी जिलों के नाम नहीं बता सकते।’ हाल ही में पीएम मोदी से एक इंटरव्यू में गठबंधन और फिर अलग-अलग चुनाव लड़ने को लेकर सवाल पूछा गया। पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी ने 2014 और 2019 के चुनावों में बीजद के खिलाफ चुनाव लड़ा था। राज्य में पार्टी का जनाधार काफी बढ़ा। यह हमारी प्रतिबद्धता है कि बीजेपी का जो भी नेता उड़ीसा का अगला मुख्यमंत्री बनेगा वह राज्य की माटी का बेटा होगा। राज्य के लोगों ने बीजद को दो दशक से अधिक का समय दिया है और अब वे एक बेहतर विकल्प के हकदार हैं। पीएम मोदी की ओर से उड़िया अस्मिता की ओर भी इशारा किया गया।

उधर संबित पात्रा की टिप्पणी के बाद नवीन पटनायाक ने भी पूरे मामले को उड़िया अस्मिता से जोड़ दिया। राज्य के प्रतिष्ठित देवता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भक्त बताने वाली टिप्पणी के बाद नवीन पटनायक ने बीजेपी से भगवान जगन्नाथ को राजनीति में न घसीटने की अपील की। पटनायक ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में उड़िया अस्मिता को ठेस पहुंचाने के लिए पात्रा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि महाप्रभु श्रीजगन्नाथ ब्रह्माांड के स्वामी हैं। महाप्रभु को दूसरे इंसान का भक्त कहना भगवान का अपमान है। यह पूरी तरह निंदनीय है। इससे भावनाएं आहत हुई हैं और दुनियाभर में करोड़ों जगन्नाथ भक्तों और उड़िया लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है और इसे उड़ीसा के लोग लंबे समय तक याद रखेंगे।

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