इजराइल और गाजा के बीच चल रहे एक लम्बे युद्ध के बाद ईराक और अमेरिका के बीच भी बम्बारियां शुरू हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि ‘दोनों देशों के बीच शुरू इस युद्ध के आवाहन से विश्व युद्ध शुरू होने के आसार नजर आ रहे हैं। अमेरिका ने इराक में हिजबुल्लाह और इससे संबंधित गुटों के ठिकानों पर हमला कर दिया है। अमेरिका ने इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर किए गए आतंकी हमलों की जवाबी कार्रवाई के तहत यह हमला किया है। बताया जा रहा है कि अमेरिकी सेना ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के निर्देश पर यह हमला किया गया है, क्योंकि इससे पहले इराक में ईरान समर्थित आतंकवादियों ने सोमवार यानी 25 दिसंबर 2023, को अमेरिकी सैन्य अड्डे को ड्रोन से निशाना बनाया था, जिसमें 3 अमेरिकी सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे, अब अमेरिका ने कार्यवाही करते हुए हिजबुल्लाह संगठन के कई आतंकियों को मार गिराया है।
मारे गए कई आतंकी
अमेरिकी सेना ने जानकारी देते हुए अपने बयान में बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के निर्देश पर सेना ने देर रात 1:45 बजे इराक में हमले किए. अमेरिका की जवाब कार्रवाई में कातिब हिजबुल्लाह के कई आतंकवादी मारे गए. इसके साथ ही अमेरिका ने आतंकी समूहों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कई सुविधाओं को नष्ट कर दिया. यूएस सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल एरिक कुरिला ने कहा, ‘इन हमलों का उद्देश्य इराक और सीरिया में हमारे सैन्य ठिकानों पर हमलों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार तत्वों को जवाब देना था. इसके अलावा हम हमले जारी रखने की उनकी क्षमता को कम करना चाहते थे. हम हमेशा अपनी सेनाओं की रक्षा करेंगे.’
बाइडेन ने दिए सख्त कार्रवाई करने के आदेश
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने गंभीर रूप से घायल अमेरिकी सैनिकों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है, और न ही पेंटागन ने इस बात का भी खुलासा किया गया है कि सैनिकों को कितनी चोट लगी है। अमरीका के व्हाइट हाउस से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने जानकरी देते हुए बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को हमले के बारे में जानकारी दी गई है। इसके बाद सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया गया।
मिडिल ईस्ट फैली इजराइल-हमास की जंग
इस तरह के हमले साबित करते हैं कि कैसे इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध पूरे मिडिल ईस्ट में फैल रहा है और अशांति पैदा कर रहा है। इसने इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों को निशाने पर ले लिया। इराक और सीरिया में ईरान-गठबंधन वाले समूह गाजा में इजरायल के अभियान का विरोध करते हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका को आंशिक रूप से जिम्मेदार मानते हैं।