अमेरिका में सत्ता हस्तांन्तर के बीच काफी तनाव का माहौल देखने को मिल रहा है। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारतीय समयानुसार आज यानी कि बुधवार को सुबह 10:30 बजे राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण कर ली है। इसी के साथ बाइडेन अब अमेरिका देश के 46वें राष्ट्रपति बन गए हैं। इस दौरान उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कैपिटल हिल में 25000 सैनिकों की तैनाती की गई है।
अमेरिकी इतिहास में पहली बार
आपको बता दें कि इससे पहले अमेरिका ने ऐसा कभी नहीं देखा कि कैपिटल हिल में इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात कर दिया गया हो। माना जा रहा है कि सैनिकों कि इतनी बड़ी संख्या उन सैनिकों से भी ज्यादा हैं जिन्हें अमेरिका ने विभिन्न देशों में सैन्य सहायता के लिए भेजें हैं।
अमेरिकी इतिहास में पहली बार हुए इस बदलाव को लेकर सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि वह नई सरकार के लोगों के साथ-साथ संसद के भीतर भी किसी भी प्रकार के खतरे को लेकर चिंतित हैं। इसी वजह से यहां 25000 हजार सैनिकों को तैनात किया गया है, ये संख्या अफगानिस्तान, इराक और सीरिया में तैनात अमेरिकी सैनिकों की संख्या से पांच गुना अधिक है।
ये कदम 6 जनवरी को निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) में की गई हिंसा के बाद उठाया गया है।ऐसी भी खबर थी कि शपथ ग्रहण समारोह वाले दिन अमेरिका में राजधानी सहित 50 राज्यों में हथियारबंद प्रदर्शन हो सकते थे।
जिसके चलते सुरक्षा को कई गुना तक बढ़ा दिया गया है।
संभावित खतरे को लेकर अभी तक कोई सबूत नहीं मिले हैं : सैन्य सचिव रयान मककार्थी
सैन्य सचिव रयान मककार्थी ने कहा है कि अधिकारी संभावित खतरे को लेकर चिंतित हैं और कमांडर्स को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कहा गया है। संभावित खतरे को लेकर अभी तक कोई सबूत नहीं मिले हैं। मककार्थी ने कहा, ‘हम अब भी प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं और बार-बार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। ’ तीन घंटे का सुरक्षा अभ्यास भी किया गया है । सैन्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वह किसी भी खतरे को भांप सकें। इसलिए देशभर से राजधानी में इन सैनिकों को बुलाया गया है।
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ये संख्या इससे पहले हुए शपथ समारोह में तैनात सैनिकों से ढाई गुना तक अधिक है। कैपिटल हिल के आसपास के इलाकों में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में ट्रंप समर्थक, दक्षिणपंथी समूह और अन्य कट्टरपंथी समूह हिंसा कर सकते थे।
इतने बड़े इंतजाम सुरक्षा के इसलिए भी किये गए क्योंकि डेमोक्रेटिक पार्टी कैपिटल हिल में हुई हिंसा के लिए ट्रंप के भड़काऊ भाषणों को ही जिम्मेदार मानती है। इस हिंसा में एक पुलिसकर्मी सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी।