भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को जल्द भारत लाने की उम्मीद बढ़ गई है। लंदन कोर्ट ने प्रत्यर्पण के खिलाफ माल्या की अपील खारिज कर दी है। दरअसल, प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका दाखिल कर माल्या ने खुद को बचाने की एक और कोशिश की थी जिस ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने उन्हें तगड़ा झटका दिया है । इंग्लैंड सरकार के इसी फैसले के खिलाफ माल्या ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने विजय माल्या को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति नहीं दी।

भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को जल्द भारत लाने की उम्मीद बढ़ गई है। लंदन कोर्ट ने प्रत्यर्पण के खिलाफ माल्या की अपील खारिज कर दी है। दरअसल, प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका दाखिल कर माल्या ने खुद को बचाने की एक और कोशिश की थी पर कोर्ट से उन्हें तगड़ा झटका लगा है। इससे पहले ब्रिटेन के होम सेक्रटरी साजिद जाविद ने माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए थे। इंग्लैंड सरकार के इसी फैसले के खिलाफ माल्या ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। यूके जुडिशरी के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने विजय माल्या को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति नहीं दी।

अपील खारिज होने के बाद माल्या को वापस भारत लाने की उम्मीद बढ़ गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई दोनों भारतीय एजेंसियां माल्या के खिलाफ 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक धोखाधड़ी के मामलों की जांच कर रही हैं। हाल में भारत की एक अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित किया था।

पिछले साल दिसंबर में लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने का फैसला सुनाया था। इसके बाद फरवरी2019 में ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने उसके प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए थे। ब्रिटिश सरकार के इसी फैसले के खिलाफ शराब कारोबारी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

माल्या मार्च, 2016 से ब्रिटेन में है। अप्रैल, 2017 में प्रत्यर्पण वारंट पर हुई गिरफ्तारी के बाद से वह जमानत पर है। संकट में फंसे माल्या ने हाल में कई भारतीय बैंकों को संतुष्ट करने के लिए अपनी खर्चीली जिंदगी छोड़ने की पेशकश की थी। लंदन के कोर्ट को भी यह जानकारी दी गई थी। माल्या को अभी करीब 18,325.31 पाउंड की अधिकतम राशि एक सप्ताह में खर्च करने अनुमति है। उसने इस राशि को घटाकर 29,500 पाउंड मासिक करने की पेशकश की थी।

शराब कारोबारी माल्या के पास मौखिक विचार के लिए हाईकोर्ट में आवेदन करने के लिए पांच दिन हैं। अगर फिर से कोई आवेदन किया जाता है, तो यह मामला हाईकोर्ट के जज के सामने जाएगा। ब्रिटिश कानून के मुताबिक, पुनर्विचार प्रक्रिया में संक्षिप्त मौखिक सुनवाई होगी, जिसमें माल्या और भारत सरकार की तरफ से मौजूद टीमों की तरफ से दलीलें रखी जाएंगी। इसके बाद जज यह फैसला लेंगे कि इस पर पूर्ण सुनवाई की जरूरत है या नहीं। इसके अलावा माल्या के पास सुप्रीम कोर्ट में भी अपील करने का विकल्प मौजूद, जिसमें चार से छह सप्ताह लग सकते हैं।

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