भारत सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए काफी काम कर रही है।हमारे देश में क्रिकेट को ज्यादा तवज्जो दी जाती है। बांकी खेलों में न तो हमारी सरकारें ध्यान देती थी और न ही खेल प्रेमियों की इन खेलों में रूचि उतनी देखने को मिलती थी । लेकिन अब भारत सरकार का भी ध्यान इस ओर जाने लगा है।
प्रधानमंत्री और खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड खिलाडियों को होने वाली असुविधाओं पर तुरंत फैसला लेते नजर आ रहे हैं।भारत के लिए 2008 में दक्षिण एशियाई खेलों में दो गोल्ड मेडल जीतने वाले तीरंदाज अशोक सोरेन आजीविका के लिए दिहाड़ी मजदूरी का काम करने को मजबूर थे।और सोरेन की स्तिथि यहां तक पहुँच गई थी कि वे सरकार की ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूर के रूप में काम कर रहे थे ।
जब इस बात की खबर खेल मंत्रालय को मिली तो खेल मंत्रालय ने एक वित्तीय सहायता खिलाडिय़ों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष से उन्हें पांच लाख रूपए की धन राशि मंजूर की है। सोरेन फिलहाल जमशेदपुर में काफी कठिन हालात में गुजर बसर कर रहे हैं । मंत्रालय ने इससे पहले अर्जुन पुरस्कार प्राप्त तीरंदाज लिम्बा राम को भी बीमारी के इलाज के लिये वित्तीय सहायता दी थी । और बीमार तीरंदाज गोहेला बोरो को भी पांच लाख रूपये की सहायता दी गई है ।