अक्सर कई बार कुछ जगह, शहरों या गांव के नाम ऐसे होते है जिनको बताने में शर्म आती है। आस्ट्रिया में एक गांव है जिसका नाम फंगिग है। गांव के लोग अपने गांव का नाम लेने में बेइज्जती महसूस करते है। अब टाउन काउंसिल इसका नाम बदलने की प्रक्रिया शुरु कर रहा है। गांव ऑस्ट्रिया के इनवर्टेल इलाके के टार्सडॉर्फ म्यूनिसिपिलटी में आता है। यह गांव जर्मन की सीमा पर स्थित है। फकिंग साल्जबर्ग से 33 किलोमीटर की दूरी पर है। 2005 के बाद यहां पर्यटकों का आना-जाना बढ़ा। जो भी पर्यटक यहां घूमने के लिए आते तो गांव के साइन बोर्ड के साथ फोटो खींचते और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करते।
2020 की गणना के अनुसार यहां 106 लोग रहते है। गांव में कुल 32 घर है। कहा जाता है कि इस गांव की स्थापना 6वीं शताब्दी में बवेरियन समुदाय के एक व्यक्ति फोको ने की थी। कागजी कार्रवाई में इस गांव का नाम 1070 में सामने आया था। शुरु में इसका नाम लैटिन एडेलपर्टस डे फसिंनजिन रखा गया था। 1303 में इसका नाम फकचिंग हो गया, 1532 में फगखिंग। पंरतु 18वीं सदी तक आते-आते लोग इसे फकिंग कहने लगे। इतिहास और किताबों के अनुसार इसे फूकिंग कहा जाता है क्योंकि इसे फोको ने स्थापित किया था।
मेयर आंद्रिया होल्जनर ने बताया कि “यूरोपीय या अन्य देशों के पर्यटकों को जब इस गांव का नाम पता चलता था तो वो इस गांव की सीमा पर लगे साइन बोर्ड के पास आकर तस्वीरें खिंचवाते थे। उसके बाद उसे सोशल मीडिया पर डालते थे। इससे फकिंग गांव की बदनामी हो रही थी। इसलिए अब इसका नाम बदलकर फगिंग रखने का फैसला लिया गया है। 1 जनवरी 2021 से ऑस्ट्रिया के फकिंग गांव का नाम फगिंग हो जाएगा।”
ऐसा नहीं केवल ऑस्ट्रिया में ऐसे अजीबो-गरीब नाम है विश्व में भी ऐसे गांव मौजूद है जिनका नाम इसी तरह के है। उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर ज़िले में मशहूर ई कॉमर्स कंपनी ‘Snapdeal.com नगर’ नाम का गांव भी मौजूद है। नेपाल में एक गांव है जिसका नाम एक किडनी वाला है क्योंक यहां के लोगों ने अपना पेट पालने के लिए अपनी एक किडनी बेच दी है। पहले इस गांव का नाम होकसे हुआ करता था। भारत के महाराष्ट्र में ‘शनि सिंगनापुर’ नाम के इस गांव में किसी भी घर में एक भी दरवाज़ा नहीं है। यह गांव पूरे देश में अपने अनोखे घरों के लिए जाना जाता है। यहां लोगों को चोरी की चिंता भी नहीं है। लोगों का मानना है कि शनि महाराज ही उनके घरों की रक्षा करते हैं। शनि महाराज के प्रकोप के चलते यहां कोई चोर भटकता तक नहीं