अमेरिका के साथ लगातार बढ़ते तनाव के समय में ईरान द्वारा 22 अगस्त,बुधवार को वायु रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) का उद्धघाटन किया गया है। ईरान के राष्ट्रपति रूहानी ने इस मिसाइल प्रणाली को रूस की एस -300 का उन्नत रूप बताया। हवा में मार करने वाली इस मिसाइल का नाम “बाबर-373” हैं। यह एक बार में 100 लक्ष्यों को पहचान सकता है और छह अलग-अलग हथियारों से लक्ष्यों को भेद सकता है। साल 1992 से लेकर अब तक ईरान ने स्वेदशी रक्षा उद्योग विकसित किया जिसके तहत मोटार्र और टॉर्पीडो से लेकर टैंक और पनडुब्बियों तक हल्के और भारी हथियार बनाए गए। एयर डिफेंस सिस्टम के उद्धघाटन के दौरान राष्ट्रपति रूहानी सहित रक्षा क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी और रक्षामंत्री उपस्थित रहे।
ईरान के राष्ट्रपति रूहानी ने इस दौरान अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि अमेरिका के साथ “वार्ता व्यर्थ” है,क्योंकि विश्व शक्तियों के साथ तेहरान का समझौता और कमज़ोर होगा। उन्होंने कहा कि अब जबकि हमारे दुश्मन तर्क स्वीकार नहीं करते तो हम भी तर्क के साथ जवाब नहीं दे सकते। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “जब कोई दुश्मन हमारे खिलाफ मिसाइल दागता है तो हम भाषण नहीं दे सकते और यह नहीं कह सकते ‘मिस्टर रॉकेट, कृपया हमारे देश और हमारे निर्दोष लोगों पर निशाना मत साधो। रॉकेट दागने वाले श्रीमान, अगर आप कर सकते हैं तो बटन दबाए और हवा में मिसाइल को स्वयं नष्ट कर दें।” ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा है कि हम 2015 में हुए परमाणु समझौतों को आगे बढ़ाने व उस पर विचार करने के लिए तैयार हैं। नार्वे इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में उन्होंने कहा, ‘फ्रांस की ओर से जो प्रस्ताव दिया गया था उस पर दोनों देशों की सहमति बनी है।’ इस समझौते में फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने अहम भूमिका निभाई थी।