दिल्ली के शाहीन बाग में बीते कई दिनों से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन जारी है। इसे लेकर दिल्ली की राजनीति गरमाई हुई है। शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी इतनी ठंड में भी लगातार डटे हुए हैं। इसी बीच अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का विवादित बयान सामने आया है।
बीते मंगलवार को उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों समेत प्रदर्शन में शामिल लोग बीमार क्यों नहीं पड़ रहे? मर क्यों नहीं रहे हैं? जबकि हफ्तों से खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन कर रहे हैं। बीजेपी सांसद ने यह भी जानना चाहा कि आखिरकार इस प्रदर्शन के लिए रकम कहां से आ रही है?
दिलीप घोष ने कहा, “हमें पता चला है कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाएं और बच्चे दिल्ली की सर्द रातों में खुलेआम आसमान के नीचे बैठी है। मैं हैरान हूं कि उनमें से कोई बीमार क्यों नहीं हुआ? उन्हें कुछ हुआ क्यों नहीं? एक भी प्रदर्शनकारी की मौत क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा यह बेहद चौंकाने वाला है। क्या उन्होंने कोई अमृत पी लिया है कि उन्हें कुछ नहीं हो रहा है। लेकिन बंगाल में कुछ लोगों द्वारा खुदकुशी करने का दावा किया जा रहा है।”
इससे पहले भी उन्होंने नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन करने वाले बुद्धिजीवियों को ‘शैतान’ और ‘परजीवी’ करार दिया था। अपने विरोधियों पर तीखा हमला बोलते हुए घोष ने कहा था कि बुद्धिजीवी कहे जाने वाले कुछ लोग कुछ जीव कोलकाता की सड़कों पर निकल आए हैं। यह परजीवी बुद्धिजीवी जो दूसरों के खर्चों पर रह रहे हैं और आनंद ले रहे हैं। उस दौरान कहां थे? जब बांग्लादेश में हमारे पूर्वजों पर अत्याचार हो रहे थे।