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कोरोना संकट में भाजपा के विधायक ही गिरा रहे योगी का ग्राफ

कोरोना संकट में भाजपा के विधायक ही गिरा रहे योगी का ग्राफ

पिछले 40 दिन में देश में कोरोना महामारी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। जिसके मद्देनजर देश में तीसरी बार लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने कार्यों की बदौलत जननायक की तरह उभरे हैं। उनके द्वारा की जा रही पहल की हर कोई सराहना कर रहा है। ऐसे समय में जब उनके पिताजी का देहांत हो गया था तब भी वह उत्तराखंड जाकर पिता का अंतिम संस्कार करने की बजाय कोरोना संकट को सुलझाने में लगे रहे।

आज जो केंद्र सरकार लोगों को दूसरे राज्यों से निकालने की कोशिशों में जुटी है इसकी शुरुआत एक सप्ताह पहले योगी आदित्यनाथ ने कोटा से करीब तीन सौ छात्रों को लाकर कर दी थी। हालांकि, उससे पहले दिल्ली के आनंद विहार से भी करीब 1000 बस चलवा कर योगी ने बहुत से लोगों को उनके घर पहुंचाया। इसी के साथ ही उत्तर प्रदेश में पहली बार योगी ने हॉटस्पॉट स्थल की शुरुआत की थी। योगी का यह माडल पूरे देश में अपनाया गया।

इस तरह देखा जाए तो कोरोना काल में मुख्यमंत्रियों में सबसे पहले नंबर पर योगी आदित्यनाथ रहे। उनके काम करने के अंदाज इस कदर लोगों को भा रहे हैं कि हर कोई उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ रहा है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के प्रदेश में उनकी ही पार्टी भाजपा के नेता उनके लिए मुश्किल बन कर सामने आए है। यहां के भाजपा नेता ऐसे ऐसे बेतुके बयान दे रहे हैं कि लोग समझ नहीं पा रहे कि वह योगी आदित्यनाथ के बढे हुए ग्राफ को आखिर इतना नीचे गिरा क्यों रहे हैं।

मजे की बात यह है कि आगरा के मेयर जहां कह रहे हैं कि उनका शहर वुहान बन रहा है। लेकिन आगरा के मेयर को यह नहीं पता कि उनका शहर कोरोना को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है। इसके अलावा जमातियों के मामले में पहले से ही घिरी यूपी सरकार पर पहले से ही आरोप प्रत्यारोप लगते रहे हैं। जबकि इसी बीच यूपी के एक विधायक यह कहते नजर आ रहे हैं कि मुस्लिमों से सब्जी न खरीदें। भाजपा के इस विधायक के ऐसे धार्मिक विवादास्पद बयान से उत्तर प्रदेश की काफी किरकिरी हो रही है।

वहीं प्रदेश के एक ऐसे भी विधायक हैं जिन्होंने अपनी विधायक निधि का 25 लाख रुपए पहले तो कोरोना बीमारी को नियंत्रण करने के लिए दिया। लेकिन बाद में निधि की राशि को उन्होंने वापस मांग लिया। हालांकि, प्रदेश में योगी राज के दौरान फिलहाल ऐसे विधायकों से सरकार की नाराजगी बढ़ गई है। बहरहाल, इन विधायकों के खिलाफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।

यूपी के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ ही पार्टी के प्रदेश महामंत्री और अनुशासन कमेटी के अध्यक्ष विद्यासागर सोनकर ने सीतापुर के विधायक राकेश राठौड़, देवरिया के विधायक सुरेश तिवारी और हरदोई के विधायक श्याम प्रकाश को नोटिस दे दिया है। जबकि आगरा के मेयर नवीन जैन ने सफाई देते हुए वीडियो जारी कर डैमेज कंट्रोल कर फिलहाल अपने आपको नोटिस से बचा लिया है।

गौरतलब है कि आगरा के मेयर नवीन जैन का एक पत्र वायरस हुआ है। जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा है कि आप आगरा को वुहान बनाने से बचा लीजिए, जबकि कोरोना से निपटने में उसी आगरा मॉडल की प्रशंसा राष्‍ट्रीय स्‍तर पर मीडिया ने की थी।

यही नहीं नहीं बल्कि मेयर ने अधिकारियों पर कालाबजारी का भी आरोप लगाया था। इसके अलावा महोबा के चरखारी से भाजपा विधायक ब्रजभूषण राजपूत का भी एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें वह राजधानी के गोमतीनगर इलाक़े में एक मुसलिम सब्ज़ी विक्रेता को अपने मोहल्ले में न घुसने की धमकी दे रहे हैं।

सीतापुर के विधायक राकेश राठौर ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए अपने वक्तव्यों में कोरोना से निपटने के मोदी फ़ॉर्मूले की धज्जियाँ उड़ाईं तथा मज़ाक़ बनाया। राकेश राठौर यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय से फ़ीडबैक के लिये किये गये फ़ोन का हास्‍यास्‍पद जवाब देकर रही-सही कसर पूरी कर दी।

हरदोई के भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने भी योगी सरकार की भद्द पीटने में कोई कसर नही छोड़ी। उन्होंने कोरोना से लड़ने के लिए दी गई अपनी निधि का पैसा बाक़ायदा पत्र लिखकर वापस माँगा। इस पत्र के वायरल होते ही सनसनी मच गयी। ख़बर यह चली कि स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की ख़बरों पर गोपामऊ के विधायक ने अपनी निधि द्वारा दी गयी रक़म वापस माँग ली है।

जिसमें कहा गया था कि कोरोना से बचाव के लिए अपने क्षेत्र में सेनेटाइजर और मास्क उपलब्ध कराने के लिए विधायक ने अपनी निधि से 25 लाख रुपए दिये थे। भ्रष्टाचार की शिकायतों पर विधायक ने अपने फंड के ख़र्च का हिसाब माँगा था। बताते हैं कि जब जवाब नहीं मिला तो पत्र लिखकर अपनी निधि के 25 लाख रुपये विधायक ने वापस माँग लिए थे।

इसके साथ ही देवरिया से भाजपा विधायक सुरेश तिवारी का भी एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें वह मुसलमानों से सामान न खरीदने की बात करते दिख रहे हैं। जब विधायक का वायरल वीडियो मीडिया संस्थानो पर चला तब भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व हरकत में आया। उसने राज्य इकाई को इस मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। तब जाकर कही विधायको को नोटिस जारी किया गया है।

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