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अन्ना के ऐलान से बेचैन हुई भाजपा 

नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान करीब दो  महीने से आंदोलित हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच आज 19 जनवरी  को होने वाली दसवें दौर की वार्ता एक दिन और आगे खिसक गई।  अब  कल यानी 20 जनवरी को किसान संगठनों और सरकार के बीच बात होगी। नए कृषि कानून सरकार के लिए गले की हड्डी बने हुए हैं। ऐसे में किसानों के समर्थन में  अन्ना हजारे के कूदने से भाजपा की धड़कनें और भी  बढ़ गई हैं । इसके लिए  भाजपा के रणनीतिकारों ने अन्ना हजारे को दिल्ली आने  से रोकने की कवायद शुरू कर दी है। इस बार अन्ना को अनशन से रोकने के लिए भाजपा ने पूर्व मंत्री गिरीश महाजन की बजाय पूर्व कृषिमंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल को आगे किया है।

दरअसल, भाजपा किसी भी परिस्थिति में अन्ना हजारे को दिल्ली में अनशन करने से रोकना चाहती है। जबकि अन्ना ने 30 जनवरी से दिल्ली के रामलीला मैदान में अपना अंतिम अनशन करने का एलान किया है। अन्ना के इस एलान के बाद भाजपा चौकन्नी हो गई है।

हालांकि इससे पहले पूर्व मंत्री व देवेंद्र फडणवीस के हनुमान कहे जाने वाले गिरीश महाजन दो बार अन्ना हजारे को अनशन से रोकने में कामयाब रहे हैं। लेकिन इस बार किसान आंदोलन के मुद्दे पर अन्ना समझौते के मूड में नहीं हैं। इसलिए फडणवीस ने राधाकृष्ण विखे पाटिल को अन्ना को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है।

राधाकृष्ण विखे पाटिल ने खुद राणेगड़सिद्दी जाकर अन्ना से मुलाकात की और केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। करीब दो घंटे हुई चर्चा के दौरान लगे हाथ पाटिल ने विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से भी अन्ना हजारे की फोन पर बात कराई है। माना जा रहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो दिल्ली के बड़े नेताओं से भी अन्ना की बातचीत कराई जाएगी। इस सप्ताह दोबारा अन्ना के साथ बैठक होगी। राधाकृष्ण विखे पाटिल को उम्मीद है कि वे अन्ना को मनाने में सफल होंगे।

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