इज़राइल और हमास के बीच जारी युद्ध ने अन्य मुल्कों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। इस युद्ध के बीच कई भारतीय छात्र फंसे हैं। जिन्हे भारत वापिस लाने की तैयारी कर रहा है।
सात अक्टूबर की सुबह हमास ने इज़राइल पर हमला बोला है जो कि आधे से ज्यादा देशों के लिए चिंता का विषय बन गई। वहीं ईरान तालिबान और अरब जैसे देश इज़राइल को मुश्किल घड़ी में देख कई जश्न मना रहे हैं। हमास के हमले के बाद इज़राइल ने गजा पर हवाई हमले किए। इज़राइल और गजा दोनों में ही सैकड़ों लोगों के मारे जाने की रिपोर्ट है और हजारों घायल बताए जा रहे हैं।
इसी बीच भारत से इस्राएल गए भारतीय छात्रों को लेकर चिंता बनी हुई है। इसी मामले को लेकर विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि भारत सरकार इज़राइल में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री और उनका कार्यालय इज़राइल की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और उस देश में फंसे हमारे छात्रों को वापस लाने के लिए बड़े प्रयास चल रहे हैं.” टाइम्स ऑफ इंडिया अनुसार इज़राइल में करीब 18,हजार भारतीय हैं, लेकिन अभी तक किसी के साथ भी हिंसक घटना नहीं हुई है।
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7 अक्टूबर को इस्राएल पर रॉकेट हमलों के बाद इज़राइल में भारतीय दूतावास द्वारा अपने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई , जिसमें उनसे सतर्क रहने और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने का अनुरोध किया गया।
इस्राएल में 27 भारतीय नागरिक फंसे
भारतीय दूतावास को इस्राएल में फंसे भारतीय नागरिकों ने सुरक्षित निकासी के लिए अनुरोध किया है। ये अनुरोध भारतीय पर्यटकों और व्यापारियों की ओर से किए गए हैं । सात अक्टूबर को मेघालय के सीएम कोनराड संगमा द्वारा जानकारी दी गई थी कि उनके राज्य के 27 लोग इजाराइल में फंसे हैं। इसे लेकर उन्होंने विदेश मंत्रालय से मदद की मांग की थी।
गौरतलब है कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान या कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर अपने नागरिकों को सफलतापूर्वक विदेशों से निकाला है। फिर चाहे वो वह ऑपरेशन गंगा हो या वंदे भारत