दो दिन पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सूबे में मंत्रीमंडल विस्तार की सभी औपचारिकता पूर्ण कर ली थी। वह दिल्ली में बैठे केन्द्रीय नेतृत्व से इसकी स्वीकृति पर अंतिम मोहर भी लगा लाए थे। लेकिन ऐन वक्त पर अरुण जेटली की नाजुक स्थिति होने के कारण यह विस्तार टाल दिया गया था। लेकिन अब सुनने में आ रहा है कि यह विस्तार कल होने जा रहा है।
विस्तार के जरिये जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने पर जोर होगा। सूत्र बताते है कि विस्तार में पूर्वांचल और बुंदेलखंड की नुमाइंदगी बढऩे के आसार हैं। सांसद बनने वाले तीन मंत्रियों में से दो ब्राह्मण और एक दलित हैं। मंत्रिमंडल में होने वाले समायोजन में इस तथ्य पर भी गौर होगा। राजभर की सरकार से बर्खास्तगी की भरपाई स्वतंत्र प्रभार के मंत्री अनिल राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाकर की जा सकती है।
राज्य सरकार में गुर्जर समाज का अभी कोई मंत्री नहीं है। मंत्रिमंडल विस्तार में गुर्जर समाज को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। मंत्री पद के लिए गुर्जर समाज से एमएलसी अशोक कटारिया और दादरी के विधायक तेजपाल नागर के नाम चर्चा में हैं।
अनुसूचित जाति के कोटे में एमएलसी विद्यासागर सोनकर का नाम सबसे आगे है। इनके अलावा दिनेश खटिक, दल बहादुर, श्रीराम चौहान और विजयपाल में से भी किसी को मौका मिल सकता है।
लोकसभा चुनाव में हाथरस से धोबी बिरादरी के सांसद राजेश दिवाकर का टिकट कटा था। इसके चलते धोबी समाज को भी सरकार में प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। फिलहाल एक दर्जन नये मंत्री बनाए जा सकते है। अभी मंत्रियो की संख्या 45 है जो 60 तक की जा सकती है।