15 जून की रात को लद्दाख की गालवान घाटी में चीनी व भारतीय सैनिकों के बीच गंभीर रूप से हिंसक झड़प हो गई। भारत और चीन के बीच खूनी मल्लयुद्ध हुआ तो उसमें दोनों ही तरफ से दर्जनों सैनिक मारे गए। जिसमें भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उसके 20 सैनिक मारे गए हैं। हालांकि, पूर्व में इस संख्या को तीन बताया जा रहा था। लेकिन अधिकारिक तौर पर 20 सैनिकों के शहीद होने के पुष्टि हुई।
लेकिन दूसरी तरफ चीन ने अपने मृतक सैनिकों की बाबत कोई भी जानकारी नहीं दी। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि उसके 45 सैनिक मारे गए हैं। लेकिन 3 दिन तक चीन ने इस मामले पर अपनी जुबान नहीं खोली। आज यह जरूर सामने आया है कि चीन के 30 जवान मारे गए हैं। मरने वालों में कैप्टन से लेकर मेजर और कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल है।
भारतीय मीडिया में भी मंगलवार से ही यह बात चल रही थी कि चीन के सैनिक भी मारे गए हैं। लेकिन कितने मारे गए थे यह कोई स्पष्ट नहीं बता सका था। कुछ मीडिया घरानों ने तो अपुष्ट संख्या भी बताई। लेकिन इस पर अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया था। कल यही सवाल चीनी विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में समाचार एजेंसी पीटीआई ने पूछा कि भारतीय मीडिया में चीनी सैनिकों के हताहत होने की बात कही जा रही है क्या आप इसकी पुष्टि करते हैं? इसपर चीनी विदेश मंत्रालय ने सच बताने की बजाय बात को यह कहकर घुमा दिया कि वह मृतकों की संख्या बताकर तनाव पैदा नही करना चाहता है।
हांलाकि, अब भारत के साथ चीन की सीमा की सुरक्षा की देखरेख करने वाले पश्चिमी थिएटर कमान के एक प्रवक्ता ने भारतीय कार्रवाई में मारे गए 30 चीनी सैनिकों के नाम जारी किए हैं। चीन ने इस हिंसक झड़प में अपने 30 सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है। चीन के मीडिया ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने दोनों राष्ट्रों की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में मारे गए 30 सैनिकों के नामों की सूची जारी की है।
इन 30 नामों की सूची में पहला नाम मेजर लिन जियाहो (शाओ ज़िआओ) का है। इसके बाद दूसरा नाम कैप्टन मेंग जियांग (शांग वी) का है। फिर कैप्टन कुई कांग (शांग वी) का नाम है। बता दें कि शाओ ज़िआओ का सेना में मतलब जूनियर फील्ड अधिकारी यानी मेजर का होता है। जबकि शांग वी का मतलब सेना के वरिष्ठ ऑफिसर यानी कैप्टन का होता है। याद रहे कि चीन और भारत के बीच लद्दाख स्थित असली नियंत्रण रेखापर हुई हिंसक झड़प के बाद हुई विवाद के तीन दिन बाद पड़ोसी देश ने बड़ी बात स्वीकार की है।
इसके अलावा झड़प में चीन के हुआंग मू, पेंग गुईइंग, सोंग ज़ान, लियांग यैन नाम के फर्स्ट लेफ्टिनेंट यानी झोंग वी भी मारे गए। जबकि इसके बाद सीनियर सार्जेंट ऑफिसर (यी जी जुन शी झांग) या फिर सार्जेंट मेजर झाओ ज़िया का नाम मारे जाने वालों की सूची में है।
जबकि अन्य मारे गए सैनिकों में झेंग वू, ताओ यी, कोंग ही, झी योंग, गु कांग, टैन फेंग, ज़ू चिन, रेन अह, लू यिन, तियान ज़ेक्सी, दू मिन, झोंग गुईंग, ही हुआंग, गाओ यांग, ये चेन, झू याहुई, जियान जिंगी, शि लुओयांग, वान याज़ु, झांग ली, यी सुन और मो ज़ूफ़ेंग का नाम जारी किया गया है।
उधर भारत में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों में एक कर्नल, तीन नायब सूबेदार, तीन हवलदार, एक नायक व 12 सिपाही शामिल हैं। शहीदों के नाम कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबू (हैदराबाद) है। कर्नल उस कंपनी के कमांडिंग अधिकारी थे, जिस पर धोखे से क्रूर हमला किया गया। इसके अतिरिक्त तीन नायब सूबेदार में ओडिशा के मयूरभंज जिले से नादुराम सोरेन, पंजाब के पटियाला से मंदीप सिंह व पंजाब के गुरदासपुर से सतनाम सिंह शामिल हैं। जबकि 16 सैनिक बिहार रेजिमेंट के जवान थे।