अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना वायरस को लेकर चीन एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने निशाना साधा है। ट्रम्प ने कहा कि कोरोना वायरस, पर्ल हार्बर पर हुए हमले से भी बड़ा संकट है। यह महामारी चीन से ज्यादा अमेरिका की दुश्मन है।
अमेरिका महामारी को लेकर चीन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कर रहा है। उसका आरोप है कि चीन की लापरवाही की वजह से वायरस दुनियाभर में फैला। वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई थी।
जापान ने दूसरे विश्वयुद्ध के समय 7 दिसंबर, 1941 को अमेरिका के नेवी बेस पर्ल हार्बर पर हमला किया था, जिसमें करीब ढाई हजार लोगों की जान गई थी।लेकिन, इससे कई गुना ज्यादा नुकसान कोरोना की वजह से हो चुका है।
चीन की सरकारी मीडिया ने अमेरिका पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। अमेरिका के प्रमुख हेल्थ एक्सपर्ट एंथनी फॉसी ने भी सोमवार को कहा था कि कोरोनावायरस किसी लैब से नहीं बल्कि नेचर (प्रकृति) से डेवलप हुआ है।
ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि कोरोना के जरिए हमारे देश पर अब तक का सबसे बड़ा हमला हुआ है। इसे वहीं रोका जा सकता था, जहां से इसकी शुरुआत हुई। लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया। मैं नहीं जानता वायरस यहां कैसे पहुंचा। मैं किसी अदृश्य दुश्मन को युद्ध की तरह ही देखता हूं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी कहा कि कोरोना वुहान के लैब से ही निकला है। हमारे पर इसके पर्याप्त सुबूत हैं।
कोरोना वायरस से अमेरिका में अब तक 12 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं, जबकि 75 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं, चीन का कहना है कि अमेरिका संक्रमण से निपटने में अपनी नाकामी से लोगों का ध्यान भटकाना चाहता है।