तालिबान के आतंक से पूरा विश्व भली-भांति अवगत है। जिसके बढ़ते आतंक के कारण विश्व के तमाम देश अपनी सुरक्षा को अधिक बल देने में जुटे हैं। एक के बाद एक हमले करते हुए तालिबान ने अफगानिस्तान के लगभग सभी प्रांतों पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया है। अफगानिस्तान आज पूरी तरह तालिबान के कब्ज़े में आकर ”वॉर जोन” में बदल चुका है। हालातों को गंभीरता से देखते हुए सभी देशो ने अपनी सुरक्षा को बढ़ाने और अपने बचाव में तैयारियां शुरू कर दी हैं। देशों की सरकारों ने सैन्य सुरक्षा से लेकर नए हथियारों, मिसाइलों, फाइटर जेट और फायर सबमरीन के लेन-देन से लेकर उनका परीक्षण भी शुरू कर दिया गया है। जिसमें विश्व के कई देश जैसे कि तुर्की, चीन, रूस, नॉर्थ कोरिया, यमन, अमेरिका और भारत भी शामिल हैं।
रूस
हाल ही में रूस ने सफलतापूर्वक अपनी पहली (तरिसकोंन) नामक सबमरीन लॉन्च की है। यह सबमरीन बारेंट समंदर के अंदर से ही सफलतापूर्वक अपने टारगेट पर निशाना लगाने में सक्षम है। इसकी स्पीड और विस्फोट से एक ही बारी में किसी भी लड़ाकू विमान को ध्वस्त किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि यह सबमरीन अब तक की सबसे विशालकाय सबमरीन है। इसी के साथ 2018 से कार्य में चल रहे मिसाइलों को भी सफलतापूर्वक इस्तेमाल के लिए तैयार कर लिया गया है। जिससे आसमान की ऊचाँइयों से दुनिया के किसी भी स्थान पर निशाना लगाकर उसे फ़ना किया जा सकता है। इतना ही नहीं अमेरिका की मिसाइल से बचाव के लिए शील्ड का निर्माण भी इन मिसाइलों में किया गया है।
नॉर्थ कोरिया
नॉर्थ कोरिया ने एक सैन्य परेड में एक नई पनडुब्बी को लॉन्च करने का ऐलान किया था। जिसे अब लॉन्च कर दिया गया है। इसे “दुनिया का सबसे शक्तिशाली हथियार” कहा गया है। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने इसे सबसे ताकतवर हथियारों की श्रेणी में रखा है। इसे परमाणु हथियारों रख कर नॉर्थ कोरिया ने अपनी सैन्य शक्ति की क्षमता का विस्तार करते हुए उसे और अधिक शक्तिशाली बताया है। संयुक्त राज्य ने इस मिसाइल को लॉन्च करने को लेकर DPRK की निंदा की है। क्योंकि यह मिसाइल आर्थिक प्रतिबंधों के लिए घातक साबित हो सकती है। परन्तु नॉर्थ कोरिया इसके बाद भी इसे आगे बढ़ाने में कामयाब रहा है।
चीन
चीन में परमाणु हथियार के रूप में हाइपरसोनिक मिसाइल लॉन्च किया गया है। इसमें पूरी दुनिया में कही भी स्थित टारगेट को आसमान से ही निशाना लगाकर उसे खत्म कर देने की क्षमता है। इसको हालातो को देखते हुए बनाया गया है। चीन का दावा है कि ये मिसाइल पूरी दुनिया को एक ही बार में खत्म कर देने में सक्षम है। इस मिसाइल को अमेरिका की मिसाइल से काफी हद तक बेहतर बताया गया है।
तुर्की
तुर्की डिपार्टमेंट ऑफ़ वेपन मैनेजमेंट के द्वारा एम् के-14 मिसाइल को लॉन्च किया गया है। जिससे 30 किलोमीटर तक की दूरी से अपने दुश्मन को मार गिराया जा सकता है। इसके बाद तुर्की ने दूसरे प्लान्स बनाने शुरू कर दिए हैं। जिन पर काम ज़ोरो-शोरो से चल रहा है और जल्द ही यह भी बन कर तैयार हो जाएंगे। कहा जा रहा है कि मिसाइल जिन पर अभी तुर्की की टीम काम कर रही है वह आज की सबसे शक्तिशाली मिसाइल होंगी लेकिन इसके फीचर्स को लेकर अभी कुछ बताया नहीं गया है।
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भारत
भारत ने अपनी DRDO के अंतर्गत अपनी मिसाइल आकाश-एनजी लॉन्च कर ली है। जो किसी भी हाई स्पीड उड़ान भरने वाले हथियार को एक ही झटके में ध्वस्त करने में सक्षम है। इससे दो दिन पहले ही भारत की मिसाइल सरफेस-टू-एयर भी सफलतापूर्वक चंडीगढ़ के आई टी आर ग्राउंड में लॉन्च की गयी थी। सूत्रों से पता चला है कि इन मिसाइलों में किसी भी मौसम में अपने मिशन को अंजाम देने की क्षमता है। यह मिसाइल अधिक तेजी वाले हथियारों और विमानों को दूरी पर रह कर भी उन्हें टुकड़ो में बिखेरने की ताकत रखतीं हैं।
तालिबान से सुरक्षा सिर्फ उसके आस पास के देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया इससे लड़ने के लिए तैयारियां कर रही हैं। जिसमें बड़ी-बड़ी महाशक्तियों से लेकर छोटे देश भी शामिल हैं। धीरे-धीरे वक़्त रहते सभी देश जैसे अमेरिका, चीन, रूस, कोरिया, सभी अपने हथियारों को विकसित करने में सफल साबित हो रहे हैं।
परमाणु और शक्तिशाली मिसाइलों का निर्माण सबसे पहले अमेरिका ने किया था। जिनकी क्षमता किसी भी आती हुई मिसाइल को हवा में ही ध्वस्त कर सकती है। उसी को मद्देनजर रखते हुए बाकी देशों ने भी एक से बेहतर एक मिसाइलों का निर्माण कर अपने शक्तिशाली होने का प्रमाण दिया है। ऐसे में तालिबान के बढ़ते आतंक से लड़ने के लिए लगभग विश्व तैयार है।