न्यूजीलैंड में इन दिनों वहां की जनजातियों को विशेष अधिकार दिए जाने वाले प्रावधानों को हटाए जाने सम्बंधित एक विधेयक संसद में रखे जाने बाद जनजातियों द्वारा सड़क से संसद तक विरोध- प्रदर्शनों का दौर शुरू हो चला है। माओरी जनजाति की प्रतिनिधि सांसद हाना ने तो संसद में ‘हाका नृत्य’ तक कर डाला जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है

न्यूजीलैंड इन दिनों में अपने 184 साल पुरानी ‘स्वदेशी संधि’ को लेकर चर्चा में बना हुआ है। इसे ‘वेतांगी संधि’ के नाम से भी जाना जाता है। इससे संबंधित हाल ही में एक विधेयक वहां की संसद में पेश किया गया है, जो ब्रिटिश क्राउन और माओरी प्रमुखों के बीच न्यूजीलैंड की स्थापना संधि को फिर से परिभाषित करेगा। इसके विरोध में माओरी अधिकारों के लिए पूरे देश में हजारों लोगों द्वारा संसद तक मार्च निकाला गया है। यह मार्च सप्ताह भर तक जारी रहा। गौरतलब है कि हाल ही में इस संधि को लेकर न्यूजीलैंड की गठबंधन सरकार में शामिल ‘एसीटी’ न्यूजीलैंड पार्टी के डेविड सीमोर द्वारा एक विधेयक प्रस्तुत किया गया था। जिसमें वेटांगी संधि के कुछ सिद्धांतों को बदलने का प्रयास किया गया है। वर्ष 1840 में ब्रिटिश क्राउन और 500 से ज्यादा माओरी प्रमुखों के बीच हुई इस संधि में तय किया गया था कि दोनों पक्ष किस तरह शासन करेंगे। लेकिन अब इससे संबंधित पेश किए गए बिल में जो बदलाव किए गए हैं उसके खिलाफ माओरी और उसके समर्थक सड़क से लेकर सदन तक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह विधेयक देश के मूल निवासियों के अधिकारों का हनन करता है जिनकी संख्या देश की 5.3 मिलियन की जनसंख्या में लगभग 20 प्रतिशत है। यह विधेयक महीनों तक चर्चा में बना रहा। 14 नवंबर को सदन में इस पक्ष-विपक्ष में मतदान किया गया। मतदान से पहले ही सदन में इस बिल के समर्थन करने वालों और माओरी सांसदों और उनके समर्थकों के बीच हुई तकरार से सदन का माहौल गरमा गया। जिससे स्पीकर को दो सांसदों को सदन से बाहर निकालना पड़ा।

1840 की वेटांगी संधि सरकार और माओरी के बीच संबंधों को निर्देशित करती है। इस संधि के तहत जनजातियों को ब्रिटिशों को शासन सौंपने के बदले में अपनी भूमि को बनाए रखने और अपने हितों की रक्षा करने के व्यापक अधिकारों का वादा किया गया था। नए विधेयक में कहा गया है कि ये अधिकार सभी न्यूजीलैंड वासियों पर लागू होने चाहिए। जिसका माओरी समुदाय विरोध कर रहा है। लघु स्वतंत्रतावादी पार्टी एसीटी के नेता और विधेयक पेश करने वाले डेविड सेमोर ने कहा, ‘इन सभी सिद्धांतों में जो बात समान है, वह यह है कि ‘माओरी को अन्य न्यूजीलैंड वासियों से अलग अधिकार प्रदान हैं और संधि का समर्थन करने वालों के लिए यही मुद्दा है।’

संधि के अनुसार माओरी को दिए गए अधिकारों में अरबों डॉलर की भूमि का बंदोबस्त, माओरी भाषा को अपनाना, केंद्रीय और स्थानीय सरकार में प्रतिनिधित्व की गारंटी और नीति के माध्यम से उन घोर असमानताओं को दूर करने का प्रयास शामिल है जिनका सामना स्वदेशी लोग अभी भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लुक्सन भी इस बिल के समर्थन में नहीं हैं। लेकिन उनकी पार्टी ने उनके साथ गठबंधन सरकार बनाने में सहयोग करने वाली पार्टी एसीटी के साथ राजनीतिक समझौते को पूरा करने के लिए बिल के पक्ष में मतदान किया। पिछले अक्टूबर के चुनाव के बाद शासन करने के लिए पर्याप्त सीटें न होने के कारण, लुक्सन ने दो छोटी पार्टियों से समर्थन प्राप्त किया था जिसमें सीमोर की एसीटी भी शामिल है। हालांकि प्रधानमंत्री लुक्सन ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि ये विधेयक आगे नहीं बढ़ेगा। लेकिन मतदान से पहले ही लुक्सन एशिया – प्रशांत महासागरीय आर्थिक सहयोग बैठक के लिए देश से बाहर चले गए थे। ऐसे में उन्हें विपक्षी सांसदों से निंदा का सामना करना पड़ा।

माओरी के एक वरिष्ठ सांसद विली जैक्सन ने डेविड सेमोर को सम्बोधित करते हुए कहा कि ‘डेविड सेमोर इस देश के साथ जो करने की कोशिश कर रहे हो, उसके लिए तुम्हें शर्म आनी चाहिए।’ वहीं बहस के दौरान पाती माओरी दल के सांसद राविरी वेटीटी ने विधेयक का समर्थन करने वाले सभी लोगों से कहा कि आप इस नुकसान और विभाजन में सहभागी हैं। जैक्सन द्वारा सेमोर को झूठा कहने के चलते स्पीकर गेरी ब्राउनली ने मतदान शुरू करने से पहले सदन से जैक्सन को बाहर निकाल दिया। वहीं एक अन्य सांसद हाना को भी एक दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया।

माओरी समुदाय की सांसद हाना ने इस बिल का विरोध करते हुए माओरी समुदाय का पारंपरिक नृत्य हाका संसद में करना शुरू कर दिया था। नृत्य करते-करते उन्होंने इस विधेयक की प्रतिलिपि को भी फाड़ा। देखते ही देखते बिल का विरोध करने वाले अन्य सांसदों ने भी हाना के सुर में सुर मिलाना शुरू कर दिया। सदन के सार्वजनिक गैलरी में बैठे अन्य लोगों ने भी हाका करते हुए बिल का विरोध किया। जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और देश- विदेश में सुर्खिया बटोर रही है। गौरतलब है कि हाका न्यूजीलैंड में रहने वाले माओरी समुदाय का प्राचीन युद्ध नृत्य है। जिसे पूरी ताकत और भाव-भंगिमाओं के साथ प्रस्तुत किया जाता है। यह नृत्य उस जनजाति के गौरव, शक्ति और एकता का एक उग्र प्रदर्शन भी है।

इस विधेयक के संदर्भ में आलोचकों का कहना है कि इससे नस्लीय मतभेद और संवैधानिक उथल-पुथल का खतरा हो सकता है। न्यूजीलैंड की सरकारों द्वारा संधि का उल्लंघन करने से माओरी लोगों के अधिकारों में कमी आई है। 20वीं सदी के मध्य तक माओरी हर पैमाने पर वंचित थे। जिनका सामना स्वदेशी लोग अभी भी कर रहे हैं।

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