मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से कराए गए सर्वे में यह सामने आया है कि दिल्ली में 11 लाख 55 हजार लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब हैं। यहां पर 8 फरवरी को मतदान होने है। इससे पहले वोटर स्लिप बांटने का काम शुरू हो गया है। इस स्लिप बांटने के साथ ही मतदाताओं की जानकारी इकट्ठा की जा रही है। इसमें 6 फरवरी तक बताए गए पते पर मतदाताओं स्लिप नहीं मिलते है तो उनकी एक अलग सूचि तैयार होगी। वह सूचि सभी चुनावकर्मियों के पास होंगे।
सूचि में अगर कोई व्यक्ति का नाम लापता हो और वह वोट डालने आता है तो उससे पूछताछ और दस्तावेजों की जाँच करने के बाद मतदान डालने की अनुमति दी जाएगी। मतदाताओं के दिए गए पते पर नहीं मिलते हैं तो उस सूचि को एएसडी कहते है। अगर कोई दिए गए पते पर मौजूद नहीं है या कही शिफ्ट हो जाता है या उसकी मृत्यु हो जाती है।
इस बार के चुनाव में 70 विधानसभाओं में एक-एक मॉडल मतदान केंद्र बनाया जाएगा। उसमें अन्य मतदान केंद्रों अधिक सुविधा उपलब्ध होगी। ये 70 बूथ ‘पिंक बूथ’ के नाम से जाना जाएगा। पिंक बूथ का मतलब है कि उसकी पूरी कमान महिला अधिकारियों के हाथों में होगी। इसका मकसद महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा हर जिले में एक मतदान बूथ दिव्यांग अधिकारी और कर्मचारी संभालेंगे। ऐसे मतदान केंद्रों पर कर्मचारियों की इच्छा से तैनात किया जाएगा। 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं को इस बार घर बैठे मतदान की सुविधा दी जा रही है।
ऐसे मतदाताओं की संख्या 2,55,303 है। लेकिन इसमें से सिर्फ करीब चार हजार लोगों ने ही इस सुविधा के लिए आवेदन दिया है। सीईओ कार्यालय के अनुसार मतदान के दिन चुनाव अधिकारी बैलेट लेकर उनके घर जाएंगे और मतदान कराएंगे। यह मतदान भी पूरी तरह गोपनीय होगा। उसकी वीडियो रिकार्डिंग भी कराई जाएगी और उम्मीदवारों के एजेंट भी वहां मौजूद रह सकते हैं।
घर पर मतदाता के नहीं मिलने पर अधिकारी कुछ देर बाद दूसरी बार भी बैलेट लेकर जाएंगे। इस बार 11 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की पहचान के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल होगा। लेकिन अब डिजिटल मतदाता पर्ची का इस्तेमाल नहीं होगा। इसलिए बूथ के अंदर मोबाइल फोन ले जाना सख्त मना होगा। वोटर हेल्पलाइन एप से डिजिटल मतदाता पर्ची डाउनलोड कर उसका प्रिंट्रआउट लेकर मतदान केंद्र पर जा सकते हैं।
इस बार सभी सेटों पर चुनाव अधिकारियों द्वारा बूथ एप के इस्तेमाल करने की तैयारी है। इसके तहत सभी मतदाताओं की पर्ची पर क्यूआर कोड का प्रावधान किया गया है, ताकि मतदाता केंद्र पर चुनावी ड्यूटी में जुटे अधिकारी बूथ एप के माध्यम से क्यूआर कोड स्कैन कर मतदाताओं की पहचान कर सकें। चुनाव आयोग ने सिर्फ 11 विधानसभा क्षेत्रों में ही इसका इस्तेमाल करने की इजाजत दी।
मतदाताओं के आंकड़े
कुल मतदाता: 1,47,86,389
पुरुष मतदाता: 81,05,236
महिला मतदाता: 66,80,277
थर्ड जेंडर : 869
सर्विस मतदाता: 11,608
पहली बार मतदान करने वाले मतदाता (18 से 19 साल के): 2,32,815
80 साल से अधिक उम्र वाले मतदाता: 2,04,830
100 साल से अधिक उम्र वाले मतदाता: 690
दिव्यांग मतदाता: 50,473
एनआरआइ मतदाता: 498
मतदाताओं का अनुपात: 73.40
मतदाताओं का लिंगानुपात: 824
सबसे अधिक मतदाताओं वाला सीट: मटियाला
मटियाला क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या: 4,23,682
सबसे कम मतदाताओं वाली सीट: चांदनी चौक
चांदनी चौक क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या: 1,25,684
लोकसभा चुनाव के बाद बढ़े मतदाता: चार लाख 69 हजार 929
कुल मतदान केंद्र: 2689
कुल मतदान बूथ: 13,750