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दिल्ली के मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट ने किया तलब

सुप्रीम कोर्ट ने कल 19 अगस्त सोमवार को दिल्ली के मुख्य सचिव को तलब करते हुए 23 अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव को बताना होगा कि राजधानी के होटल, फार्म हाउस और रिहायशी इलाकों के शादी समारोहों में अनावश्यक खर्च, भोजन की बर्बादी, जल प्रबंधन को लेकर क्या नीति है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने यह निर्देश तब जारी किया जब दिल्ली सरकार ने बताया कि उन्होंने नीति को अंतिम रूप दे दिया है और अब दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा इसे अधिसूचित किया जाना है। पीठ ने डीडीए के वकील से पूछा कि नीति को अधिसूचित करने में कितना वक्त लगेगा। जवाब में महिला वकील ने कहा, वह इस संबंध में निर्देश लाएंगी। हालांकि डीडीए को नीति अब तक नहीं सौंपी गई है।
इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि नीति डीडीए को भेज दी गई है। इस पर पीठ ने दिल्ली के मुख्य सचिव को 23 अगस्त को अदालत में हाजिर होने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि किस प्रावधान के तहत नीति बनाई गई है। सरकार के वकील ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद-239ए के तहत, विधानसभा को नीति बनाने का अधिकार है।

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि दिल्ली में शादी व सामाजिक समारोहों के आयोजन के लिए जगहों की भारी कमी है। नई नीति के तहत होटल, फार्म हाउस और कम घनत्व वाले रिहायशी इलाकों में इस तरह के आयोजन की अनुमति देने से लोगों को हो रही परेशानी में कमी आएगी।दिल्ली सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि यह नीति दिल्लीवासियों के लिए लाभकारी है। इसमें नियमों का पालन नहीं करने की स्थिति में जवाबदेही और जुर्माने का भी प्रावधान है। रात 10 बजे के बाद होटल, फार्म हाउस में लाउडस्पीकर या बैंड पर भी पाबंदी है।

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