उत्तराखंड में एक बार फिर वर्ष 2013 जैसी आपदा के आसार लग रहे हैं। ताजा समाचार के अनुसार चमोली जिले के जोशीमठ में पावर प्रोजेक्ट बह गया है। यह पावर प्रोजेक्ट ग्लेशियर पिघलने के कारण बहा है। पावर प्रोजेक्ट में आई बाढ़ ने दो पुलों को भी बहा दिया है । यह घटना साढ़े दस बजे की बताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि इस भारी तबाही में 300 लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है । फिलहाल उत्तराखंड सरकार सक्रिय हो गई है। खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसका संज्ञान लिया है और घटनास्थल पर रवाना हो गए हैं।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा, चमोली जिले से एक आपदा का समाचार मिला है। जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है।
जबकि दूसरी तरफ हरिद्वार तक हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। धौलीगंगा पावर प्रोजेक्ट के आसपास के गांवों को खाली कराया जा रहा है । इस दौरान एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर भेजी गई है।
याद रहे कि रैनी गांव के पास 24 मेगावाट का प्रोजेक्ट निर्माणाधीन था। ग्लेशियर टूटने से नदी में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। ऋषिकेश कोडियाला ईको टूरिज्म जोन में जल पुलिस और एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है। जल पुलिस के साथ आपदा प्रबंधन दल राफ्टिंग स्थलों पर पहुंच गया है। चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में नदी किनारे सभी स्थानों पर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। वहीं नदी किनारे बस्तियों में रहने वाले लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में ले जाने का आदेश जारी किया गया है