Uttarakhand

दूध का दूध, पानी का पानी

कमिश्नर दीपक रावत की जांच रिपोर्ट

दागदार हुआ आंचल/भाग-2

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के बारे में प्रचलित है कि जिस काम को भी वह करते हैं पारदर्शिता के साथ करते हैं। ऐसी ही पारदर्शिता उनकी दुग्ध संघ नैनीताल की जांच रिपोर्ट में भी झलकती है। भाजपा के एक नेता द्वारा नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लालकुआं पर लगाए गए वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोपों की जांच रिपोर्ट को दीपक रावत ने पूरी निष्पक्षता के साथ उजागर किया है। रावत की 10 पेज की जांच रिपोर्ट में दुग्ध संघ की कार्यप्रणाली पूरी तरह संदेह के घेरे में है। कई माह से यह जांच राज्य सरकार के पास लटकी पड़ी है। अभी तक इस जांच रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही न होने के चलते विभागीय मंत्री की कार्यशैली पर प्रश्नवाचक चिन्ह् लगने लगा है। मंत्री सौरभ बहुगुणा लेकिन मामले से खुद को पूरी तरह अनभिज्ञ होने की बात कह रहे हैं। उनके अनुसार यह जांच सीधे मुख्यमंत्री स्तर से कराई गई है और जांच रिपोर्ट भी सीएम के पास ही लंबित है

भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के पूर्व नैनीताल जिला अध्यक्ष हरीश चंद्र आर्या ने नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लालकुआं में हुई वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में 26 मई 2023 को एक शिकायती पत्र डेयरी विकास विभाग को भेजा था। जिसमें संघ द्वारा खरीद कराने, निविदाओं के नाम पर और दक्षिण भारत के भ्रमण प्रकरण में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन आरोपों का संज्ञान लेते हुए जांच कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत से कराने के निर्देश दिए। 15 जुलाई 2023 को दीपक रावत द्वारा इस प्रकरण पर जांच शुरू की गई। जिसमें रावत ने सामान्य प्रबंध निदेशक, दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लालकुआं से अभिलेख और आख्याएं प्राप्त की। रावत ने समस्त अभिलेखों और साक्ष्यों का अवलोकन एवं परीक्षण करने के बाद 16 अक्टूबर 2023 को जांच पूरी कर शासन को सौंप दी। 10 पृष्ठ की इस जांच में सिलसिलेवार शिकायतकर्ता के आरोपों का उल्लेख किया गया है। इसके बाद दुग्ध संघ के द्वारा दी गई बिंदुवार सफाई को सामने रखा गया है। इसके उपरांत दीपक रावत द्वारा अपनी जांच आख्या दी गई है। जिसमें उनके द्वारा एक-एक बिंदु का गहरे से अवलोकन करते हुए स्पष्ट रिपोर्ट दी है। कुल 12 बिंदुओं पर की गई जांच में दुग्ध संघ में हुई वित्तीय अनियमितता और घपले-घोटालों को उजागर किया गया है। एक आरोप को छोड़कर अन्य सभी को उन्होंने सही माना है। लेकिन सवाल यह है कि जो जांच रिपोर्ट तीन माह पूर्व उजागर हो चुकी है उस जांच रिपोर्ट को सामने लाकर आरोपियों पर एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है?

निविदा प्रकाशन का विवरण नहीं
शिकायत में कहा गया कि उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली के नियम संख्या 10(1) ख के तहत पच्चीस लाख से अधिक एवं 5 करोड़ से कम के कार्य किए जाने से पहले दो राष्ट्रीय समाचार पत्रों में उनकी निविदाएं प्रकाशित की जानी अनिवार्य है। जिसका व्यापक प्रसार हो। लेकिन नैनीताल दुग्ध संघ के द्वारा नियमावली का उल्लंघन कर बहुत कम प्रसार वाले एक ही न्यूज पेपर ‘द पायनियर’ में छोटी सी निविदा प्रकाशित की गई। इस पर नैनीताल दुग्ध संघ द्वारा स्पष्टीकरण देते हुए कहा गया कि किसी भी एक आईटम का मूल्य 25 लाख से अधिक का नहीं है। जबकि जांच आख्या देते हुए कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने स्पष्ट लिखा है कि कुल 29 लाख 42 हजार का खर्चा किया गया। जबकि नियमावली के अनुसार अधिक प्रसार वाले दो राष्ट्रीय समाचार पत्रों की बजाय एक ही समाचार पत्र ‘द पायनियर’ में विज्ञापन का प्रकाशन तथा उसमें भी दर एवं सामग्री का विवरण नहीं किए जाने से उक्त शिकायत की पुष्टि की जाती है।

निविदा सामग्री का नहीं किया गया प्रकाशन
शिकायत यह की गई कि नैनीताल दुग्ध संघ द्वारा समाचार पत्र में जो निविदा प्रकाशित की गई उसमें स्पष्ट नहीं किया गया कि विज्ञापन किन-किन सामग्रियों को खरीदने के लिए जारी किया गया। ऐसा जान-बूझकर इसलिए किया गया ताकि जिनको दुग्ध संघ कार्य देना चाहता है वही लोग निविदा में भाग ले सकें। इस पर दुग्ध संघ लालकुआं ने जवाब दिया उसके अनुसार पारदर्शिता से कार्यवाही कर निविदा प्रक्रिया को पूरा किया गया जिसके लिए भिन्न-भिन्न कमेटियां गठित की गई जिसमें संघ के सभी प्रबंध कमेटी सदस्य एवं कर्मचारियों को शामिल किया गया। इस पर जांचकर्ता दीपक रावत ने कहा कि संघ द्वारा जो निविदा प्रकाशित की गई उसमें स्पष्ट नहीं किया गया है कि विज्ञापन किन-किन सामग्री के लिए जारी किया गया। अधिप्राप्ति नियमावली अनुसार किन सामग्री के लिए निविदा जारी की गई है उसका विवरण दिया जाना चाहिए था। ऐसा न करने से आरोप सिद्ध होता है।

एक घंटे में ही खोल दी निविदा
शिकायत अनुसार समाचार पत्र में 3 दिसंबर 2022 को निविदा प्रकाशित की गई। इसमें 6 जनवरी 2022 को एक बजे तक जमा करने और इसी दिन महज एक घंटे बाद 2 बजे निविदा को खोल दिया गया। इसके तहत 27 लाख से अधिक की सामग्री खरीदी गई। उन सामग्रियों के खरीदने के लिए महज तीन दिन का समय दिया जाना नियम विरुद्ध है एवं उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली के खिलाफ है। इस पर लालकुआं दुग्ध संघ ने स्पष्टीकरण दिया कि नियमानुसार निविदा आमंत्रित की गई तथा निविदाकर्ताओं द्वारा भाग लिया गया एवं उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली के अंतर्गत ही पारदर्शी तरीके से समस्त प्रक्रिया पूरी की गई तथा सामग्री खरीदी गई थी। जबकि जांच अधिकारी कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने मात्र तीन दिन में ही निविदा को खोला जाना उचित करार नहीं दिया है। वह कहते हैं कि उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली 2017 के 9(4) में निविदाएं प्रस्तुत करने के लिए निविदा सूचना की तिथि से कम से कम दो सप्ताह का समय दिया जाना चाहिए था जो नियमों के तहत नहीं किया गया।

यूसीडीएफ की वेबसाइट पर भी अपलोड नहीं हुई निविदा
शिकायत की गई है कि सामग्रियों के खरीदने से पहले यूसीडीएफ की वेबसाइट में भी निविदा अपलोड की जाती है ताकि व्यापक प्रचार प्रसार हो सके। ऐसा इसलिए भी किया जाता है कि जो लोग नैनीताल दुग्ध संघ नहीं आ सकते हैं वे वेबसाइट में देखकर भी निविदा में भाग ले सकें। लेकिन जान-बूझकर 27 लाख रुपए से अधिक की धन राशि की सामग्री खरीदते समय वेबसाइट में निविदा अपलोड नहीं की गई यह इसलिए किया गया क्योंकि जिनको संघ का प्रबंधन कार्य देना चाहता है वे ही लोग निविदा में भाग ले सकंे। इसके जवाब में संघ ने सफाई देते हुए कहा है कि किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं की गई। राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र ‘द पायनियर’ में विज्ञप्ति कराकर व्यापक प्रचार-प्रसार कराया गया। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि संस्था द्वारा अति अल्पकालीन ऑफ लाइन निविदा आमंत्रित की गई थी जिसके फलस्वरूप उसे वेबसाइट पर दिखाई जानी चाहिए और उसका राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की वेबसाइट से भी संबंध होना चाहिए था लेकिन संघ द्वारा नियमावली के 10(12) का अनुपाल नहीं किया जाना शिकायत की पुष्टि करता है।

जीएसटी नंबर एक, फर्म दो

शिकायत में वर्णित है कि कंबल खरीद की निविदा में तीन फर्मों द्वारा भाग लिया गया। जिसमें एक फर्म देवगुरु तथा दूसरी फर्म देवभूमि है। लेकिन आश्चर्यजनक यह कि दोनों ही फर्मों का जीएसटी नंबर 05म्ब्उचउ7492ळपर््3 एक ही था। दो फर्मों का एक जीएसटी नंबर नहीं हो सकता। ऐसा होना अपराध की श्रेणी में आता है, इस चलते टेंडर निरस्त किया जाना चाहिए था जो नहीं किया गया। सोची-समझी रणनीति के तहत नैनीताल दुग्ध संघ को वित्तीय हानि पहुंचाई गई है। इस शिकायत के बाद लालकुआं दुग्ध संघ द्वारा दिए गए जवाब में इसे माइनर त्रुटि बताया गया है। जबकि जांच अधिकारी दीपक रावत द्वारा अपनी जांच में स्पष्ट कहा गया कि दो फर्मों का एक ही जीएसटी नंबर नहीं हो सकता है। उक्त दोनों फर्मों द्वारा प्रस्तुत निविदा फर्मांे का अवलोकन किया गया जिसमें दोनों फर्मों द्वारा अपने निविदा पत्र में जीएसटी नंबर एक ही लिखा जाना इत्फाक नहीं हो सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि उक्त शिकायत की पुष्टि फर्मों की निविदा प्रतियांे से होती है।

कच्चे बिल से लाखों का भुगतान
शिकायत की गई कि नैनीताल दुग्ध संघ प्रबंधन द्वारा साढ़े तीन लाख का भुगतान छह कमरे और किचन को बैठक बनान की एवज में किया गया लेकिन यह भुगतान पक्के बिल की बजाय कच्चे बिल पर किया गया जो कि आयकर अधिनियम और जीएसटी अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। इस बाबत लालकुआं दुग्ध संघ द्वारा दी गई सफाई में कहा गया कि शिकायतकर्ता द्वारा अपने इस बिंदु में यह अवगत ही नहीं कराया गया है कि भोजन व्यवस्था में क्या अनियमितता की गई है। साथ ही संघ ने कहा कि नियमानुसार उनके बिलों का भुगतान किया गया है। इसकी जांच उपरांत कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने स्पष्ट किया कि जहां तक कच्चे बिल से भुगतान करने का प्रश्न है यह संस्था की लापरवाही को दर्शाता है। मंडल आयुक्त ने इसे दुग्ध संघ की लापरवाही माना है। इसी प्रकार शिकायतकर्ता की कच्चे बिल की 4 लाख 47 हजार की दूसरी और साढ़े चार लाख की तीसरी शिकायत जो मैसर्स पावर्ती टेंट एंड कैटर्स कालाढूंगी (हल्द्वानी) द्वारा भोजन व्यवस्था के संबंध में की गई है उसे भी रावत द्वारा संस्था की लापरवाही मानते हुए आंशिक अनियमितता करार दिया है।

बिना टिकट हुई यात्रा, हुए पौने आठ लाख खर्च
शिकायतकर्ता द्वारा कहा गया कि नैनीताल दुग्ध संघ की प्रबंधन कमेटी द्वारा 6 जनवरी 2023 से 16 जनवरी 2023 तक दक्षिण भारत का भ्रमण किया जाना दर्शाया गया है। इस भ्रमण पर 7 लाख 74 हजार का खर्चा दिखाया गया है। इतना अधिक खर्च किया जाना दुग्ध उत्पादकों की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किया जाना है। इस पर दुग्ध संघ का कहना है कि संस्था की प्रबंधक कमेटी को देश के विभिन्न संस्थानों जहां दुग्ध सहकारिता की संभावनाएं हैं एवं उत्तरोत्तर विकास की ओर अग्रसर है ऐसे स्थानों का भ्रमण कराया जाता है। साथ ही संघ द्वारा दावा किया गया कि निरंतर ऐसी प्रक्रिया के कारण ही नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ प्रदेश का सबसे बड़ा दुग्ध संघ है तथा निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। इस पर जांच अधिकारी दीपक रावत द्वारा इसकी पुष्टि हेतु दुग्ध संघ से भ्रमण संबंधी टिकट उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए जो उनके द्वारा उपलब्ध नहीं कराए गए। दुग्ध संघ द्वारा 9 यात्रियों के यात्रा भ्रमण के टिकट उपलब्ध न कराया जाना रावत द्वारा संदिग्ध माना गया है।

”इस प्रकरण पर संबंधित विभाग के मंत्री को संज्ञान लेना चाहिए। पूरे मामले को गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए एक्शन लेना होगा। हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस के दावे पर अडिग है। जनता को भ्रष्टाचार मुक्त माहौल देना सरकार की प्राथमिकताओं में है।”
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड

 

बात अपनी-अपनी

 

मैं इस मामले पर कई माह पूर्व जांच रिपोर्ट शासन को भेज चुका हूं। जांच रिपोर्ट में हमने संबंधित दुग्ध संघ के सभी लोगों से उनके विचार जाने, पूरा तथ्य लिए और उनकी समीक्षा करने के बाद जांच रिपोर्ट तैयार की थी।
दीपक रावत, कुमाऊं कमिश्नर

मैं इस मामले पर कुछ नहीं कहूंगा।
निर्मल नारायण सिंह, महाप्रबंधक, दुग्ध संघ नैनीताल

दुग्ध संघ में कोई अनियमितता नहीं हुई है। आप षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर हमारी संस्था को बदनाम कर रहे हैं। आप हमारे अधिकारियों को धमकाते हैं। आपके खिलाफ कोर्ट में केस करेंगे।
मुकेश बोरा, निवर्तमान अध्यक्ष, दुग्ध संघ नैनीताल एवं प्रशासक डेयरी फेडरेशन

उत्तराखण्ड डेयरी विकास अनुभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। सब कुछ जानते हुए भी राज्य के सीएम, विभागीय मंत्री चुप हैं। कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितता, भ्रष्टाचार सिद्ध हो चुका है। एडीएम निर्णायक न्यायाधीश देहराइन के न्यायालय में मेलामाइन सिद्ध हो गया। सेंट्रल लैब रुद्रपुर में दूध में एल्कोहल, अधोमानक सिद्ध हो गया है। इस बसके बावजूद कोई कार्रवाई न होना भ्रष्टाचारियोें संग सरकार की मिलीभगत सिद्ध करता है। माननीय उच्च न्यायालय में सभी साक्ष्य अभिलेख रिकॉर्ड के जनता का पक्ष, दुग्ध उत्पादकों का, उपभोक्ताओं का पक्ष मजबूती के साथ रखूंगा। भ्रष्टाचार का जड़ का खुलासा होगा, भ्रष्टाचारी जाएंगे जेल।
भुवन चन्द्र पोखरियाल, याचिकाकर्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता

 

भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं होने से मुखर हुई कांग्रेस
उत्तराखण्ड कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की प्रदेशमुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लालकुआं, नैनीताल में हुए बड़े घोटाले पर प्रेस वार्ता की। दसौनी ने कहा कि 26 मई 2023 को हरिश्चंद्र आर्य पूर्व जिला अध्यक्ष अनुसूचित जाति मोर्चा, भाजपा ने दुग्ध संघ के विभागीय सचिव श्री पुरुषोत्तम को लालकुआं दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ में चल रहे बड़े वित्तीय घोटाले की शिकायत करते हुए पत्र लिखा। पत्र का संज्ञान लेते हुए सचिव ने कमिश्नर कुमाऊं दीपक रावत को मामले की जांच सौंपी। दसौनी ने कहा कि 15 जुलाई 2023 को दुग्ध संघ ने कमिश्नर कुमाऊं को सभी आरोपों के जवाब देते हुए पत्र लिखा, 21 सितंबर 2023 को कमिश्नर कुमाऊं ने हरिश्चंद्र आर्य को व्यक्तिगत रूप से पूछताछ के लिए बुलाया। तत्पश्चात 16 अक्टूबर को कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने विभाग को हरिश्चंद्र आर्य द्वारा की गई शिकायतों की पुष्टि करते हुए विभाग में भारी वित्तीय अनियमितता की बात स्वीकारते हुए अपनी रिपोर्ट सौंपी। दसौनी ने कहा कि विचारणीय विषय और घोर निराशाजनक बात यह है कि तीन महीने बीत जाने के बाद भी विभागीय मंत्री सौरभ बहुगुणा ने उपरोक्त मामले में आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। दसोनी ने कहा कि इस पूरे घोटाले को नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लालकुआं के प्रधान प्रबंधक निर्भय नारायण और प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष मुकेश बोरा की सांठ- गांठ और मिलीभगत का प्रतिफल बताया जा रहा है। परंतु उपरोक्त दोनों ही व्यक्तियों पर अभी तक कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हुई।

डेयरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति
1. श्री भुवन पोखरिया, शिकायतकर्ता द्वारा अपने शिकायती पत्र के माध्यम से नैनीताल दुग्ध संघ, लालकुआं में प्रबंध कमेटी सदस्यों के शैक्षिक भ्रमण, निविदा संबंधी कार्यवाही आदि से संबंधित शिकायत सचिव, डेरी विकास, उत्तराखण्ड शासन, देहरादून को प्रेषित किया गया।

2. सचिव, डेरी विकास द्वारा उक्त शिकायत पर जांच करने हेतु आयुक्त, कुमाऊं मंडल, नैनीताल को सूचित किया गया।

3. उक्त कम में आयुक्त, कुमाऊं मंडल, नैनीताल द्वारा अपेक्षित प्रकरण पर जांच कर जांच आख्या, सचिव, डेरी विकास, उत्तराखण्ड शासन, देहरादून को प्रेषित किया गया।

4. साथ ही, शिकायतकर्ता भुवन पोखरिया द्वारा नैनीताल दुग्ध संघ, लालकुआं के प्रकरण पर कार्यवाही करने हेतु मा. उच्च न्यायालय, नैनीताल में पूर्व से योजित जनहित याचिका में सम्मिलित किया गया है।

5. इस प्रकार, चूंकि नैनीताल दुग्ध संघ, लालकुआं के शिकायती प्रकरण से संबंधित मामला मा. उच्च न्यायालय, नैनीताल में विचाराधीन है तथा मा. न्यायालय द्वारा कोई अंतिम निर्णय स्थापित नहीं किया गया है, जिसके फलस्वरूप संबंधित प्रकरण पर विभागीय स्तर से निर्णायक कार्यवाही किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। तथापि इस संबंध में निदेशक, डेरी विकास द्वारा संदर्भित प्रकरण पर सामान्य प्रबंधक, नैनीताल दुग्ध संघ, लालकुआं से जवाब-तलब किया गया है एवं इस संबंध में स्पष्टीकरण चाहा गया है।

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