Uttarakhand

‘कन्यादान से पहले करें विद्यादान’

  •           दिकदर्शन रावत

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हिमालय से लगे जनपद बागेश्वर के कपकोट तहसील के केदारेश्वर मैदान में आयोजित चेलि ब्वारयूं कौतिक (मातृशक्ति उत्सव) कार्यक्रम में जनता को कई सौगात दे गए साथ ही वे बाबा बागनाथ की धरती पर कई योजनाओं का शिलान्यास भी कर गए। जिसमें रुपए 9976.48 लाख की कुल 37 योजना शामिल है। मुख्यमंत्री धामी ने 1887.07 लाख की 11 योजनाओं का लोकार्पण एवं 8089.41 लाख की 26 योजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को चेक वितरित भी किए। मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों एवं स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया और हस्तशिल्प और हस्तकला उत्पादों की भी सराहना की। सीएम ने तांबे के बर्तन में कला-कृतियां एवं रिंगाल की टोकरी भी बनाई। शहीदों की वीरांगनाओं को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा चेलि ब्यारयूं कौतिक कार्यक्रम में अपार संख्या में उपस्थित सभी माताओं एवं बहनों को प्रणाम करता हूं।

बागेश्वर जिले हेतु 99 करोड़ 77 लाख रुपए की लागत से विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास, बागेश्वर जनपद के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी एवं आने वाली पीढ़ियों को भी लाभ मिलेगा। उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण में मातृ शक्ति के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। मातृ शक्ति अपने परिवार के साथ ही समाज और प्रदेश हितों का भी ख्याल रखती हैं। मातृ शक्ति के सहयोग से ही समाज और राष्ट्र का संपूर्ण विकास संभव है। परिश्रम और मातृ शक्ति एक दूसरे के पूरक हैं। राष्ट्र की मातृ शक्ति शिक्षित होने से उस राष्ट्र का वर्तमान एवं भविष्य सुरक्षित रहता है। वहीं बेटियां भारतीय संस्कृति में ‘कन्यादान’ करना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है, परंतु हम सभी ‘कन्यादान’ से पहले ‘विद्यादान’ भी करें। आज देशभर में स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं, उत्तराखण्ड में भी महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं, जो नए भारत की शानदार तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में गांव-गांव में महिलाओं को घर, शौचालय, गैस, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है, बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और दूसरी आवश्यक जरूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से निरंतर काम कर रही है।

राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, लखपति दीदी योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी योजना, नंदा गौरा मातृवंदना योजना और महिला पोषण अभियान जैसी योजनाएं प्रारंभ की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू करने के साथ ही धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया, प्रदेश में पहली बार बड़े स्तर पर सरकारी भूमि में हुए अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी निरंतर कार्रवाई जारी है। राज्य सरकार उत्तराखण्ड में समान नागरिक आचार संहिता को भी लागू करने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप हम राज्य के विकास और कल्याण के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने ‘विकल्प रहित संकल्प’ को पूर्ण करने हेतु निरंतर कार्य कर रहे हैं।

उत्तराखण्ड में बाहरी व्यक्तियों द्वारा कृषि और उद्यान के नाम पर धड़ल्ले से जमीन खरीदने पर राज्य सरकार ने अंतरिम रोक लगाई है। यह रोक भू माफियाओं एवं गलत नीयत से जमीन खरीदने वालों पर लगी है। यदि कोई व्यवसाय उद्योग एवं किसी अन्य स्टार्टअप के लिए जमीन खरीदेगा, जिससे यहां के स्थानीय लोगों को फायदा मिले, तो उसका उत्तराखण्ड में स्वागत है। अल्मोड़ा पिथौरागढ़ सांसद अजय टम्टा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व उत्तराखण्ड निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हाल ही में ग्लोबल इन्वेस्टर समिति के तहत दुनिया भर से उद्योग जगत के लोगों को उत्तराखण्ड में बुलाया गया। आज उत्तराखण्ड के प्रत्येक क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं और स्वयं सहायता समूह से महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है। कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया ने कहा कि पहली बार कपकोट क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए हैं। मुख्यमंत्री कपकोट क्षेत्र की प्रत्येक मांग को पूर्ण प्राथमिकता से लेते हैं। चिकित्सालय में डॉक्टरों की नियुक्ति के साथ ही जो भी मांग रखी गई वह पूरी हुई है।

जब पत्रकार हुए नाराज
प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत जिले के सभी जनप्रतिनिधि जहां मौजूद थे वहीं मीडिया कर्मियों के लिए कार्यक्रम में बैठने तक की व्यवस्था नहीं थी न ही कवरेज करने की सुविधा दी गई थी यही नहीं सुरक्षा कर्मियों का व्यवहार भी संतोष जनक नही था। जिससे जिला पत्रकार संघ और पत्रकारों ने मुख्यमंत्री के सामने ही जमीन पर बैठकर विरोध जताया। जब पत्रकार कार्यक्रम स्थल से जाने लगे तब दर्जा मंत्री शिव सिंह बिष्ट और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गिरीश परिहार ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन तब तक सभी पत्रकार स्थल छोड़ने का निर्णय ले चुके थे।

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