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पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों का अब इथेनॉल विकल्प

पेट्रोल (Petrol ) से चलने वाली गाड़ियों का अब भारत ने विकल्प खोज लिया है। यह विकल्प न केवल प्रदूषण मुक्त होगा बल्कि देश के किसानों को भी लाभ पहुंचाएगा। टोयोटा मोटर ने देश के कार बजार में दुनिया की पहली ऐसी कार लांच की है जो इथेनॉल से चलती है न कि Petrol से। पॉपुलर एमपीवी इनोवा हाईक्रॉस पर आधारित इस मॉडल को 29 अगस्त को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा एक कार्यक्रम में लॉन्च किया गया।

 

इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स-ईंधन इन्नोवा हाईक्रॉस न केवल वैकल्पिक ईंधन पर चलता है, बल्कि ये अपनी इलेक्ट्रिक पॉवर भी जनरेट कर सकता है और ईवी मोड में काम कर सकता है। दरअसल ईवी मोड आपको अपने वाहन को एक सीमित सीमा के लिए लगभग 25 मील प्रति घंटे की गति पर पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में संचालित करने की अनुमति देता है।

कार लॉन्चिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 16 लाख करोड़ का फॉसिल फ्यूल आयात किया जा रहा है। जिससे चालीस फीसदी जल और वायु प्रदूषण होता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि इथेनाल इकोनॉमी जब 2 लाख करोड़ की होगी तो किसानों की इकोनॉमी 12 लाख करोड़ से 20 लाख करोड़ की हो जायेगी।

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एक दिन ऐसा आएगा कि इथेनाल से सभी वाहन चलेंगे और पेट्रोल डीजल का आयात पूरी तरह बंद हो जायेगा। गौरतलब है कि देश को प्रदूषण मुक्त करने और पेट्रोल (Petrol) के आयात को कम करने के उदेश्य से ही दिल्ली से जयपुर तक इलेक्ट्रिक हाईवे बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही 65,000 करोड़ रुपये की विभिन्न सड़क परियोजनाएं इस साल के अंत तक पूरी होने की संभावना है, जिसमें द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण भी शामिल है।

 

पेट्रोल

 

केंद्रीय मंत्री के कहने अनुसार किसानों की इथेनाल के कारण उनकी आमदनी बढ़ी है। मौजूदा समय में 9 लाख 44 हजार 667 बिजली से चलने वाले वाहन हैं। जिससे हर दिन करीब 8 लाख 33 हजार लीटर पेट्रोल डीजल की बचत होती है। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि इथेनॉल से किसानों 82 हजार करोड़ रुपये मिले हैं, वहीं 22 हजार से ज्यादा पेट्रोल पंप पर चार्जिंग सेटअप करने जा रहे हैं ।

 

कम हो सकता है पेट्रोलियम इंपोर्ट

 

 

पेट्रोल

 

 

इथेनाल नामक यह जैव ईंधन अपना चमत्कातर दिखाते हुए पेट्रोलियम आयात पर हो रहे खर्च को बचा सकता है। गडकरी ने यह भी कहा कि अगर आत्मनिर्भर बनना हैं तो हमे तो तेल के आयात को शून्यता पर लाने की जरूरत है। वर्तमान में यह 16 लाख करोड़ रुपये है,जो कि अर्थव्यवस्था के लिए काफी बड़ा नुकसान है। तेल के आयात को खत्म करने के अलावा देश में प्रदूषण स्तर में गिरावट लाने के उपायों को भी अपनाने की जरूरत है।

नितिन गडकरी के अनुसार स्वच्छ पर्यावरण को बनाए रखने के लिए हमे वायु और जल प्रदूषण कम करना होगा। साथ ही उन्होनें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के हानिकारक प्रभाव पर भी बल देते हुए कहा कि इससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियाँ बढ़ती हैं, जबकि देश में जैविक खेती बहुत सारी संपत्ति पैदा कर सकती है और हमें आर्थिक स्थिरता प्रदान कर सकती है। उन्होंने कहा, हमें कचरे को धन में बदलने के लिए लोगों को शिक्षित करने की जरूरत है।

 

क्या है इथेनॉल

 

पेट्रोल

 

इथेनॉल कम लागत वाला वैकल्पिक ईंधन है जो बिना मिश्रित गैसोलीन की तुलना में कम प्रदूषण और अधिक उपल्बधता का दावा करता है। इसलिए इसका प्रयोग वाहनों के लिए कर के पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इथेनॉल-ईंधन वाले वाहन कम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन पैदा करते हैं। इथेनॉल उत्पादन से किसानों को भी मदद मिलती है और घरेलू नौकरियाँ पैदा होती हैं। इथेनॉल का उत्पादन घरेलू स्तर पर किया जाता है – घरेलू स्तर पर उगाई जाने वाली फसलों से – यह विदेशी तेल पर अमेरिका की निर्भरता को कम करता है और देश की ऊर्जा स्वतंत्रता को बढ़ाता है।

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