उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय महासचिव कांग्रेस हरीश रावत ने धान खरीद पर त्रिवेंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने सुनियोजित रूप से किसानों के धान खरीद केंद्रों को बंद कर दिया है, साथ ही केवल उन जगहों पर धान खरीद केंद्र चल रहे हैं जहां छिटपुट खरीदारी की जा रही है और जिन ग्रामीण इलाकों में बड़ी मात्रा में धान की फसल किसान के घर में मौजूद है, वहां सरकार ने सुनियोजित रूप से धान खरीद बंद कर दी है और ना ही गन्ने का समर्थन मूल्य अब तक जारी किया गया है इस वजह से गन्ना किसानों का जो गन्ना कटान होना था वह भी नहीं हो पाया है। इसका फायदा बिचौलियों को मिलेगा क्योंकि धान औने पौने दामों पर किसान बेचने को मजबूर होंगे।
वहीं दूसरी तरफ आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस के अंदरखाने चल रहे सियासी संग्राम पर हरीश रावत ने कहा कि इसे सियासी संग्राम के रूप में या आपसी झगड़े के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए यह तो एक फौज के भीतर वार्मअप और एक्सरसाइज हो रही है। चुनाव के युद्ध में पूरी कांग्रेस फौज एकजुट होगी क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव का मुकाबला भाजपा बनाम जनता के बीच है कांग्रेस तो केवल माध्यम है। जिस तरह हल्द्वानी के आईएसबीटी और जून को खत्म कर दिया गया और अब एक जुमला मिनी सचिवालय का छोड़ा गया है तो इससे साफ है कि जनता अपने 4 सालों का हिसाब लेने के लिए आतुर खड़ी है। साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार को उनके किए हुए कार्यों का जवाब जनता द्वारा मिल जाएगा।