कोरोना वायरस के चलते दुनिया में अब तक लाखों लोगों की जानें जा चुकी हैं और करीब दस करोड़ लोग इसके संक्रमण की चपेट में हैं। ऐसे में जहां पूरी दुनिया कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है, वहीं भारत में भी सबसे बड़ा टीकाककरण अभियान चल रहा है। भारत में दो वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी के बाद टीकाकरण अभियान जोरों पर है। ऐसी स्थिति में भारत केवल अपने लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों को भी वैक्सीन पहुंचा रहा है। कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित कई देशों को भारत वैक्सीन दे रहा है। आज 28 जनवरी को बहरीन और श्री लंका के लिए भारत से टीकों की खेप रवाना हो चुकी है ।
इस मुश्किल घड़ी में भारत ने अपने साथ-साथ जरूरतमंदों की भी कोरोना से लड़ने में मदद की है।इस मुश्किल घड़ी में कई देशों के लिए भारत सहारा बनकर उभरा है। भारत ने अपने यहां टीकाकरण अभियान को प्रभावित न होने देते हुए पड़ोसी देशों को कोविड वैक्सीन की खेप भेजी है। वहीं विदेश मंत्री जयशंकर ने जानकारी दी कि भारत ने महामारी के दौरान कुल 150 देशों को अलग-अलग प्रकार की मेडिकल सप्लाई पहुंचाई है। इनमें से कई देश वायरस के चलते अधिक गंभीर हालात से गुजर रहे थे।
इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन संस्थान के 14 वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्री ने कहा, “हमने अपने यहां बड़े पैमाने पर टीकाकरण शुरू कर दिया है और हमारे तत्काल पड़ोसियों को भारतीय टीका आपूर्ति शुरू हो गई है। इसमें आने वाले समय में अन्य साथी देशों को कवर करने की उम्मीद है। दुनिया गंभीर मुद्दों से निपटने के लिए अधिक सामूहिक प्रयास से लाभान्वित हो सकती है। ”
बता दें कि कोरोना काल में अन्य देशों के संकटमोचक बने भारत की सरकार ने बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और मालदीव को टीके की 32 लाख से अधिक नि:शुल्क खुराकें भेजी हैं। मॉरिशस, म्यामां और सेशेल्स को दान के रूप भेजी जानी है। इस सूची में आज श्रीलंका और बहरीन को भी सप्लाई भेज दी गई है। जयशंकर ने कहा कि महामारी का मुकाबला स्वाभाविक रूप से आने वाले दिनों में वैश्विक एजेंडे पर हावी हो जाएगा, एक देश के रूप में 150 से अधिक देशों को महामारी चिकित्सा आपूर्ति और उपकरण प्रदान करते हुए भारत उत्तरदाताओं के बीच समन्वय का समर्थन करता है।