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एक बार फिर खालिस्तानियों द्वारा हिन्दू मंदिर पर हमला

खालिस्तानियों ने एक बार फिर कनाडा में हिन्दुओं पर हमला किया है। यह हमला ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में श्रद्धालुओं पर किया गया है। जिसका वीडियो हिंदू फोरम कनाडा द्वारा एक्स हैंडल पर शेयर किया गया है। जिसमें खालिस्तानी हाथों में पीले झंडे लेकर मंदिर परिसर में हंगामा करते हुए दिख रहे हैं। वहीं कुछ खालिस्तानी हिंदू श्रद्धालुओं पर डंडे से हमला कर रहे हैं।

 

हिंदू फोरम कनाडा ने एक्स पर यह वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि बहुत परेशान करने वाली तस्वीरें हैं। खालिस्तानियों ने ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में श्रद्धालुओं पर हमला किया है। यह अस्वीकार्य है। इस पूरे वारदात को लेकर भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा है कि कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों ने हद पार कर दी है । ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के परिसर के अंदर हिंदू-कनाडाई भक्तों पर खालिस्तानियों द्वारा किया गया हमला दिखाता है कि कनाडा में खालिस्तानी हिंसक उग्रवाद कितना गहरा और निर्लज्ज हो गया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि मुझे लगने लगा है कि इन रिपोर्टों में थोड़ी सी सच्चाई है कि कनाडा के राजनीतिक तंत्र के अलावा, खालिस्तानियों ने हमारी लॉ एंफोर्समेंट एजेंसियों में भी प्रभावी ढंग से घुसपैठ कर ली है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर खालिस्तानी चरमपंथियों को कनाडा में खुली छूट मिल रही है, जैसा कि मैं लंबे समय से कहता रहा हूं, हमारे समुदाय की सुरक्षा के लिए हिंदू-कनाडाई लोगों को आगे आकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी होगी और राजनेताओं को जवाबदेह बनाना होगा।

 

वहीं कनाडा की संसद में नेता प्रतिपक्ष पियरे पोइलिवरे ने भी हमले की निंदा की है। उनके अनुसार ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में पूजा करने वालों को निशाना बनाया जाना और उनपर की गई हिंसा अस्वीकार्य है। सभी कनाडाई नागरिकों को शांति पूर्वक अपनी आस्था और धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। कनाडाई प्रधानमंत्री ने भी इस हमले की निंदा की है। कनाडा में हुए हमले को लेकर जस्टिन ट्रूडो ने प्रतिक्रिया देते हुए पर एक पोस्ट में लिखा, ‘ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं, प्रत्येक कनाडाई को अपने धर्म और आस्था का स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से पालन करने का अधिकार है। घटनास्थल पर लोगों की सुरक्षा और इस वारदात की जांच के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए टूडो ने पुलिस को धन्यवाद किया है। हालांकि कनाडा में हिंदुओं पर हुए हमले को लेकर कनाडाई पुलिस पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कनाडा पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्‍सा फूट रहा है। लोगों का कहना है कि पुलिस, खालिस्‍तानियों के साथ मिलकर कनाडा से हिंदुओं का सफाया करने में जुटी हुई है।

 

गौरतलब है कि भारत कनाडा में खालिस्तानियों को छूट देते रहने के खिलाफ रहा है। यही एक वजह है कि कनाडा और भारत के रिश्ते बिगड़ते नजर आते हैं। भारत लगातार ट्रूडो प्रशासन के दौरान कनाडा में खालिस्तानियों को मिल रहे छूट का मुद्दा उठाता रहा है। यह पहली बार नहीं है कनाडा में खालिस्तानियों द्वारा हिन्दू मंदिरों पर हमला किया गया हो। इससे पहले भी कई हमले हिन्दुओं और उनके मंदिरों पर हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार इससे पहले जुलाई में कनाडा के अल्बर्टा प्रोविंस में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी और उसकी दीवारों पर हिंदू विरोधी नारे और चित्र उकेरे गए थे। पिछले साल अप्रैल में, ओंटारियो के विंडसर शहर में बीएपीएस मंदिर को इसी तरह निशाना बनाया गया था, इसके बाद अगस्त 2023 में मेट्रो वैंकूवर क्षेत्र में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था मंदिर को निशाना बनाया गया था। 2022 के बाद से कनाडा में लगभग 20 से अधिक हिंदू मंदिरों को इसी तरह से निशाना बनाया गया है।

 

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