देशभर में लॉकडाउन जारी है। दिल्ली में भी कई जिलों को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है। सभी काम ठप्प पड़े हैं। गरीब मजदूर के लिए आय का कोई स्रोत नहीं है। उसके बाद भी राजधानी दिल्ली के कोटला मुबारकपुर थाना क्षेत्र में किराया न देने पर पूरे परिवार को घर से निकाल दिया। जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मकानमालिकों से किरायदारों से किराया फिलहाल नहीं लेने की बात कही है।
उन्होंने साफ कहा है कि संकट के समय सभी साथ मिलकर काम करें। किराया के लिए मजबूर न करें। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर किरायदार किराया नहीं दे पाएगा तो उसकी भरपाई सरकार करेगी। फिर भी गरीब संपरिवार को मकान मालिक ने घर से बाहर कर दिया। पूरा परिवार मिन्नतें करता रहा, हाथ-पैर पकड़े लेकिन मकान मालिक ने उनपर रहम नहीं की जिससे पूरा परिवार सड़क पर आ गया। गोद में मासूम बच्चों और सिर पर सामान की गठरियां लटकाए हुए।
यह घटना गुरुवार की है। परिवार में कुल 8 लोग हैं। परिवार का मुखिया बच्चों और बाकी परिवार के लोगों के साथ पैदल ही चलकर बारापुला फ्लाईओवर पर आ पहुंचा। उसी दौरान लॉकडाउन ड्यूटी कर रहे बारापुला फ्लाईओवर पर कोटला मुबारकपुर थाने के पुलिसकर्मी महावीर समोता, विपुल कुमार और तेजपाल यादव गश्त करते हुए पहुंच।
पुलिस वालों ने देखा सुनसान सड़क पर छोटे बच्चे को पीठ पर और सिर पर समान लादे हुए एक परिवार जा रहा है। पुलिस ने उन सभी को रोका। पुलिस दल ने परिवार के सभी सदस्यों की तरफ देखते हुए पूछा, “कहा जा रहे हो तुमसब? तुम्हें पता नहीं, अभी कहीं जाना-आना नहीं है।” जिसपर पीड़ित परिवार ने बताया कि उन्हें मकानमालिक ने निकाल दिया है, क्योंकि वे मकान का किराया नहीं चुका पाए। बहुत कोशिश किया मकानमालिक को समझाने की पर वो नहीं सुना।
उन्होंने पुलिस वालों से कहा कि बताईए कहां जाएं? यहां किसी को हम नहीं जानते। ऐसे समय में कोई हमें कमरा भी नहीं देगा। पूरा परिवार को कहां रखेंगे इतना दिन साहब! इसलिए हम अपने गांव जा रहे हैं। हम लोग यूपी के हरदोई जिले के हैं जो दिल्ली से करीब 500 किलोमीटर दूर है। पुलिस वालों ने जब इस परिवार की हकीकत जानी तो उन्होंने सबसे पहले पीड़ित परिवार से मकान मालिक का फोन नम्बर मांगा। नम्बर लगाकर मकानमालिक को फोन पर खूब डाट-फटकार लगाई। पुलिस ने मकानमालिक को जब जेल भेज देने की बात कही। मकान मालिक की सीटीबीटी एक हो गई।
उसके बाद पुलिस ने पूरे परिवार को खाना खिलाया। उन्हें भर पेट खाने को कहा खासकर बच्चों को। साथ ले जाने के लिए पानी का बंदोबस्त भी किया। इसके बाद पुलिस ने डीटीसी बस का इंतजाम किया। डीटीसी बस में बैठाकर पीड़ित परिवार को बारापुला फ्लाईओवर से करीब 15 किलोमीटर दूर पंखा रोड इलाके में स्थित उनके किराये के मकान तक वापस छोड़ा।
पुलिसवालों की सख्ती के मकानमालिक ने पीड़ित परिवार को आने का बाद कुछ नहीं कहा। किराया मांगने की बात तो बहुत दूर की है। बल्कि खुद मकानमालिक पीड़ित परिवार को गैस सिलेंडर और एक महीने का राशन लाकर दे गया। हालांंकि, दूसरी ओर मकानमालिक के इस व्यवहार के बारे में जब पड़ोसियों पता चला तो उसे खूब खरी-खोटी सुनाई।
इसके बाद पड़ोसियों ने भी पीड़ित गरीब परिवार को जरूरत का सामान लाकर दी। पड़ोसियों ने पीड़ित परिवार से कहा कि अगर अब दुबारा मकान मालिक ऐसा कुछ कहे या करे तो वे बस एक आवाज लगा दें। फिर हमसब देख लेंगे। उन्होंने समझाया कि चिंता न करे, कोई भी जररूत हो तो बेझिझक बताएं, संकट के समय हम सब एक-दूसरे का सहारा हैं।