जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) में हिरासत तीन महीने बढ़ा दी गई है। महबूबा की हिरासत की अवधि पूरी होने के महज तीन घंटे पहले जम्मू कश्मीर प्रशासन ने मियाद आगे बढ़ा दिया। अब उन्हें उन्हें तीन महीने और हिरासत में रहना होगा। महबूबा अलावा प्रशासन ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता की हिरासत अवधि भी बढ़ाई है। इसमें अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के सरताज मदनी के नाम भी शामिल है।
राजनीतिक दलों की तरफ से जेएंडके यूटी प्रशासन के गृह विभाग के इस आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने अपनी मां के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, “आवाज को दबाना खासकर अनुच्छेद 370 अवैध रूप से हटने के बाद आम बात हो गई है। इसीलिए, मेरी मां की हिरासत बढ़ने पर कोई आश्चर्य नहीं है। उम्मीद है कि अनुच्छेद 370 पर बहस शुरू होगी और इस मुद्दा का समाधान होगा।”
Stifling voices of reason has become the norm for the current dispensation esp post illegal scrapping of Article 370. Therefore, extension of my mother’s detention doesn’t surprise me. Wishful thinking to assume that by smothering any debate on Article 370, the issue will vanish
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 5, 2020
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मार्च महीने में पीएसए से मुक्त हुए हैं। उन्होंने महबूबा की हिरासत अवधि को बढ़ाने के कदम को अविश्वनीय रूप से क्रूर और पूर्वाग्रही बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “महबूबा ने ऐसा न तो कुछ किया और न ही कहा जिसके आधार पर भारत सरकार द्वारा उनके साथ किए जा रहे बर्ताव को सही ठहराया जा सके।”
वहीं अपनी पार्टी के महासचिव सागर की हिरासत बढ़ने पर अब्दुल्ला ने कहा कि वह समझने की कोशिश कर रहा हूं कि सागर की हिरासत क्यों बढ़ाई गई। लेकिन कोई वजह नजर आने के कारण इसमें बदले भी भावना दिखाई देती है। केंद्र सरकार को जम्मू कश्मीर में दोस्त बनाने की जरूरत है, लेकिन वह उल्टा काम कर रही है।